शादी से बचने के लिए युवती का नेपाल पलायन, 12 दिन बाद जीआरपी ने अर्चना को किया बरामद
भोपाल। इंदौर से कटनी के लिए निकली और अचानक नर्मदा एक्सप्रेस से गायब हुई युवती अर्चना तिवारी का रहस्य आखिरकार उजागर हो गया। 12 दिन बाद उसे जीआरपी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया और बुधवार को भोपाल ले आई। अर्चना ने बयान में बताया कि उसके परिवार वाले शादी के लिए दबाव बना रहे थे, जबकि उसकी इच्छा अभी पढ़ाई करने की थी। परिवार ने एक पटवारी से उसकी शादी लगभग तय कर दी थी। शादी से बचने के लिए उसने अपने दोस्त सारांश जोगचंद्र और एक अन्य युवक के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी।
ट्रेन से गायब होने की साजिश
जांच में सामने आया कि 7 अगस्त को अर्चना और उसका दोस्त सारांश एक ही ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। हरदा स्टेशन पर ढाबे में बैठकर दोनों ने चर्चा की और भागने की योजना बनाई। हालांकि बाद में योजना बदली और गुमशुदगी की साजिश रची गई। अर्चना ने सोचा था कि जीआरपी गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से नहीं लेगी, इसलिए उसने ऐसा स्थान चुना जहां सीसीटीवी कैमरे न हों।
नर्मदापुरम निवासी तेजेंदर सिंह ने ट्रेन में अर्चना को कपड़े दिए। इसके बाद वह बी-3 कोच से बी-2 कोच में गई और आउटर पर उतर गई। वहां पर सीसीटीवी कैमरा नहीं था। तेजेंदर ने उसका मोबाइल बागतवा के जंगल में फेंक दिया ताकि लोकेशन ट्रेस न हो सके। इसके बाद अर्चना, सारांश के साथ कार से आगे निकल गई।

हैदराबाद से नेपाल तक का सफर
अर्चना ने शुरुआत में हैदराबाद जाकर छिपने का प्रयास किया। लेकिन जैसे-जैसे मामला मीडिया और सोशल मीडिया में उछलता गया, उसने देश छोड़ने का निश्चय किया। इसके लिए वह दिल्ली पहुंची और वहां से बस के जरिए काठमांडू (नेपाल) चली गई। उसके दोस्त सारांश ने भी नेपाल जाकर उसकी व्यवस्था की, लेकिन कुछ दिन बाद वह भारत लौट आया।
जांच में खुला राज
जीआरपी ने जब अर्चना की व्हाट्सएप कॉल डिटेल खंगाली, तो उसके सारांश से लगातार संपर्क का पता चला। पुलिस ने जब सारांश से पूछताछ की तो उसने सारा राज खोल दिया और बताया कि अर्चना काठमांडू में है। पुलिस ने अर्चना से संपर्क किया और उसे समझाया कि वह वापस आ जाए। वापसी के दौरान जैसे ही अर्चना लखीमपुर खीरी पहुंची, जीआरपी ने उसे संरक्षण में ले लिया और भोपाल लेकर आ गई।

परिवार के सुपुर्द
बुधवार की दोपहर अर्चना का बयान दर्ज होने के बाद उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। हालांकि इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि युवाओं पर शादी का दबाव किस हद तक मानसिक तनाव और पलायन जैसी स्थितियां पैदा कर सकता है।

रेल एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना और सारांश की दोस्ती इंदौर में हुई थी। दोनों ने मिलकर योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता और गहन जांच के चलते 12 दिन बाद इस रहस्यमयी गुमशुदगी का पर्दाफाश हो सका।
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