बर्लिन। जर्मनी में आज आम चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि मौजूदा चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) सर्वेक्षणों में पिछड़ती दिख रही है। इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी दल क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के नेता फ्रेडरिक मत्ज चांसलर पद की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
चुनाव के समीकरण और संभावित परिणाम
प्री-पोल सर्वेक्षणों के अनुसार, फ्रेडरिक मत्ज की CDU को 29% लोगों का समर्थन मिल रहा है, जिससे उनके चांसलर बनने की संभावना बढ़ गई है। दूसरी ओर, एलिस वीडेल की अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) को 21% मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है। यह समर्थन खासतौर पर युवा मतदाताओं से मिल रहा है, क्योंकि सर्वे के अनुसार AfD के समर्थकों में 60% से अधिक युवा वर्ग शामिल हैं।
वहीं, चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) को मात्र 16% समर्थन मिलने का अनुमान है, जिससे यह तीसरे स्थान पर खिसक गई है। इस गिरावट के चलते मौजूदा चांसलर की वापसी की संभावनाएं कमजोर पड़ती दिख रही हैं।
इसके अलावा, ग्रीन पार्टी को 12% और फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) को 7% वोट मिलने का अनुमान है। यह दोनों पार्टियां किसी भी सरकार के गठन में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती हैं, क्योंकि स्पष्ट बहुमत किसी भी दल को मिलता नहीं दिख रहा है।
समय से पहले क्यों हो रहे हैं चुनाव?
मौजूदा चुनाव सामान्य समय से पहले कराए जा रहे हैं। यह निर्णय चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने पिछले साल दिसंबर में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद लिया था। विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे, विशेष रूप से आर्थिक संकट और आव्रजन नीतियों को लेकर जनता में असंतोष था।
मुख्य मुद्दे और चुनावी माहौल
इस चुनाव में प्रमुख मुद्दों में आर्थिक मंदी, बढ़ती महंगाई, आव्रजन नीति और ऊर्जा संकट शामिल हैं। विपक्षी दलों ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है, जबकि AfD ने आव्रजन के मुद्दे को केंद्र में रखा है। वहीं, ग्रीन पार्टी जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर फोकस कर रही है।
क्या कह रहे हैं राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फ्रेडरिक मत्ज की CDU सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है, तो वे FDP और ग्रीन पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बना सकते हैं। हालांकि, AfD के बढ़ते प्रभाव ने पारंपरिक दलों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि यह पहली बार है जब यह पार्टी इतने बड़े स्तर पर समर्थन जुटा रही है।
आगे की राह
आज हो रहे मतदान के नतीजे आने वाले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएंगे। अगर किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता, तो गठबंधन सरकार बनाने के लिए कई दौर की बातचीत होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि जर्मनी की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या फ्रेडरिक मत्ज नए चांसलर बनेंगे या फिर कोई अप्रत्याशित गठबंधन सत्ता में आएगा।