मुंबई | विशेष रिपोर्ट | स्वदेश ज्योति
टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले गुरुवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने बेंगलुरु में हुए आरसीबी के विक्ट्री सेलिब्रेशन में भगदड़ के दौरान 11 लोगों की मौत पर दुख जताया और साफ कहा—“खुशी के मौकों पर भी हम सावधानी भूल जाते हैं। रोड शो में भीड़ के बीच हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है, चाहे वह वर्ल्ड कप जीत जैसा बड़ा मौका ही क्यों न हो।”
गंभीर ने कहा, “मैं 2007 में जब टी-20 वर्ल्ड कप जीते थे, तब भी नहीं चाहता था कि कोई रोड शो हो। मेरे लिए सबसे पहले लोगों की जान और सुरक्षा है। उत्सव के नाम पर ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जो भीड़ में जानलेवा बन जाए। बेंगलुरु हादसे ने मन को बहुत व्यथित किया है। मैं किसी को दोष नहीं देता, लेकिन ऐसे आयोजनों में हमेशा बहुत सटीक योजना होनी चाहिए।”

बेंगलुरु में क्यों हुआ इतना बड़ा हादसा?
आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए बुधवार को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रोड शो रखा गया था, जिसमें फ्री पास के आधार पर दर्शकों को एंट्री दी जानी थी। पास क्लब की वेबसाइट से मिलने थे, लेकिन जैसे ही इसकी घोषणा हुई—वेबसाइट क्रैश हो गई। कई लोगों को पास नहीं मिले, फिर भी वे स्टेडियम पहुंच गए।
भीड़ का कोई सही अनुमान नहीं लगाया जा सका।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार—
- गेट नंबर 10, 12 और 13 पर भारी भीड़ ने जबरन घुसने की कोशिश की।
- पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया।
- उसी दौरान एक नाले पर रखा अस्थायी स्लैब ढह गया, और हल्की बारिश के बीच भगदड़ मच गई।
- करीब 3:30 बजे सभी गेट बंद कर दिए गए, जिससे पास रखने वाले लोग भी अंदर नहीं जा सके।
- गेट नंबर 10 पर स्थिति सबसे ज्यादा बिगड़ी, महिलाओं और बच्चों को पीछे धकेला गया, कुछ महिलाएं बेहोश हो गईं।
सरकार का कहना है कि मौके पर करीब 5,000 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन भारी भीड़ और कुशल व्यवस्था के अभाव में परेड रद्द करनी पड़ी। सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर सुरक्षाकर्मी 36 घंटे से लगातार ड्यूटी पर थे, जिससे थकावट और समन्वय की कमी स्पष्ट दिखी।

गौतम गंभीर के मुख्य बयान
1. रोड शो और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर चेतावनी:
“खुशी के पलों को संयम से मनाना जरूरी है। भीड़ में हर वक्त खतरा बना रहता है। आयोजकों को इसकी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। किसी की जान की कीमत पर जश्न नहीं होना चाहिए।”
2. रोहित-कोहली की अनुपस्थिति पर:
गंभीर ने कहा, “इंग्लैंड दौरे पर दो सीनियर बल्लेबाजों—रोहित शर्मा और विराट कोहली—की गैरमौजूदगी चुनौती होगी, लेकिन यह युवा खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का मौका भी है। टीम में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।”
3. बुमराह की अनुपस्थिति पर:
“बुमराह जैसा गेंदबाज दुर्लभ होता है, लेकिन हमने उनके बिना भी ICC टूर्नामेंट्स खेले हैं। जो खिलाड़ी हैं, वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में यह परीक्षा की घड़ी होगी।”
4. इंग्लैंड में जीत की रणनीति पर:
“टेस्ट मैच तभी जीतते हैं जब आप विपक्षी के 20 विकेट गिराते हैं। केवल रन बनाना काफी नहीं है। हमारी कोशिश 5 दिन के भीतर मैच खत्म कर पॉजिटिव रिजल्ट देने की होगी।”
शुभमन गिल: कप्तानी में आत्मविश्वास लेकिन जिम्मेदारी का एहसास
25 वर्षीय बल्लेबाज शुभमन गिल पहली बार भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में इंग्लैंड दौरे पर टीम का नेतृत्व करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा—
“रोहित और विराट की कमी कोई नहीं भर सकता, लेकिन हमारी टीम में युवा और अनुभव का बेहतरीन संतुलन है। मैं कप्तानी को एक जिम्मेदारी की तरह देखता हूं, और कोशिश करूंगा कि दबाव को प्रदर्शन में न आने दूं।”
उन्होंने कहा, “हर दौरे पर जीत की उम्मीद रहती है, लेकिन इंग्लैंड की परिस्थितियां अलग हैं। हमें हर दिन नया संघर्ष करना होगा।”
उत्सव में सतर्कता, मैदान में संकल्प
गंभीर के बयानों से साफ है कि वह केवल एक क्रिकेट कोच नहीं, बल्कि ज़िम्मेदार सोच वाले नेता भी हैं। जश्न के नाम पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए, और क्रिकेट के मैदान में हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका समझनी चाहिए। इंग्लैंड दौरा टीम इंडिया के लिए एक नई शुरुआत है—बिना पुराने दिग्गजों के, नए चेहरे और नई चुनौतियों के साथ।
स्वदेश ज्योति के द्वारा और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!