October 22, 2025 4:26 PM

शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, जयकारों से गूंजा धाम; चारधाम यात्रा के समापन की शुरुआत

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  • मुखबा गांव में होगा मां गंगा का शीतकालीन प्रवास, भक्तों की भीड़ उमड़ी

उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। आज बुधवार सुबह 11:30 बजे शुभ मुहूर्त में गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के दौरान मंदिर परिसर “जय मां गंगे” के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। हजारों श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन करने और कपाट बंद होने की इस ऐतिहासिक घड़ी के साक्षी बनने पहुंचे।

भव्य सजावट के बीच हुई परंपरागत पूजा-अर्चना


गंगोत्री मंदिर को इस अवसर पर फूलों और रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था। मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना और आरती सम्पन्न की गई। इसके बाद मुख्य पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में कपाट बंद करने की रस्म पूरी की गई। कपाट बंद होने के पश्चात अब मुखबा गांव में स्थित मंदिर में मां गंगा की उत्सव मूर्ति की पूजा की जाएगी।

भैयादूज पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी होंगे बंद


गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद अब अगला क्रम यमुनोत्री धाम का है। जानकारी के अनुसार 23 अक्टूबर भैयादूज के दिन दोपहर 12:30 बजे मां यमुना मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके पश्चात मां यमुना की उत्सव मूर्ति को उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव ले जाया जाएगा, जहां पूरे सर्दियों के दौरान भक्त दर्शन कर सकेंगे।

अन्नकूट पर्व पर निकलेगी मां गंगा की डोली


परंपरा के अनुसार कार्तिक माह की अन्नकूट (गोवर्धन पूजा) के दिन मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। यात्रा के दौरान पूरा मार्ग श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के जयकारों से गूंजेगा। मुखबा पहुंचने के बाद मां गंगा की मूर्ति को मंदिर में विधिवत विराजित किया जाएगा।

सर्दियों में भी संभव होगा गंगा-यमुना के दर्शन


यात्रा से जुड़े कारोबारियों आशीष सेमवाल और विनय उनियाल ने बताया कि सरकार और प्रशासन यदि प्रयास करें, तो सर्दियों में भी मुखबा और खरसाली गांवों तक सीमित रूप में यात्रा जारी रखी जा सकती है। इससे देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को बर्फबारी के बीच गंगा और यमुना की पूजा-अर्चना करने का अद्भुत अनुभव मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे श्रद्धालु


चारधाम यात्रा इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक रही। आंकड़ों के अनुसार, इस यात्राकाल में 14 लाख 2 हजार 128 तीर्थयात्रियों ने चारधाम के दर्शन किए। इनमें गंगोत्री धाम में 7,57,762 और यमुनोत्री धाम में 6,44,366 तीर्थयात्री पहुंचे। इन संख्याओं से स्पष्ट है कि उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा व्यवस्था लगातार विश्वस्तरीय पहचान बना रही है।

50 लाख पार करेगा चारधाम यात्रियों का आंकड़ा


21 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 49.30 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर चुके हैं। उम्मीद है कि जब तीनों धामों के कपाट पूरी तरह बंद होंगे, तब तक यह संख्या 50 लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी

भक्ति, परंपरा और आस्था का संगम बना उत्तराखंड


गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद होने के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड में सर्दियों का धार्मिक अध्याय शुरू हो गया है। कपाट बंद होने की परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति सम्मान और हिमालय के मौसम के अनुरूप श्रद्धा की अभिव्यक्ति भी है। भक्तों की आस्था और परंपरा ने एक बार फिर इस यात्रा को दिव्यता का प्रतीक बना दिया है।

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