October 20, 2025 9:59 PM

दीपावली पर फूलों से सजा गंगोत्री धाम, कपाट बंद होने की तैयारियां अंतिम चरण में

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दीपावली पर फूलों से सजा गंगोत्री धाम, 22 अक्टूबर को बंद होंगे कपाट

उत्तरकाशी, 20 अक्टूबर (हि.स.)। दीपों के पर्व दीपावली के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम दुल्हन की तरह सजाया गया है। मंदिर परिसर को सैकड़ों किलो ताजे फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया, जिससे पूरा धाम भव्य और अलौकिक आभा से जगमगा उठा। दीपों की पंक्तियों और फूलों की सुगंध से भरे वातावरण में श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन के लिए उमड़ पड़े।

चारधामों में से एक गंगोत्री धाम में दीपावली के साथ-साथ अब कपाट बंद होने की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, गंगोत्री धाम के कपाट आगामी 22 अक्टूबर को दोपहर 11:36 बजे (अन्नकूट पर्व) पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे (भैया दूज के अवसर पर) बंद होंगे।

कपाट बंद होने के बाद अगले छह महीनों तक भक्तजन मां गंगा के दर्शन गंगोत्री धाम के शीतकालीन निवास मुखवा गांव में और मां यमुना के दर्शन खरसाली गांव में कर सकेंगे। इन दोनों गांवों में देवी की प्रतिमाओं को परंपरागत विधि-विधान के साथ ले जाया जाएगा, जहाँ सर्दियों के दौरान पूजा-अर्चना निरंतर चलती रहेगी।

फूलों और दीयों से सजा गंगोत्री मंदिर

दीपावली के अवसर पर गंगोत्री मंदिर को रंगीन फूलों, मखमली झालरों और आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह तक हर कोने में फूलों की महक और दीपों की रौशनी बिखरी रही। मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती में भाग लिया और दीपदान किया।

गंगोत्री धाम के रावल राजेश सेमवाल ने बताया कि दीपोत्सव से पहले मां गंगा को अर्ग अर्पित किया गया, जिसके बाद सायंकालीन आरती के दौरान दीपदान का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा, “यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जब भक्त मां गंगा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दीप जलाते हैं। यह दीप न केवल अंधकार को दूर करते हैं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रकाश भी फैलाते हैं।”

भक्तों की भीड़ और श्रद्धा का उत्सव

दीपावली की रात गंगोत्री घाट पर हजारों दीपों से नदी का किनारा जगमगा उठा। श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर और घाटों पर दीये जलाकर मां गंगा से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। ठंडी हवाओं के बावजूद भक्ति की गर्माहट ने पूरे वातावरण को दिव्य बना दिया।

इस मौके पर स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति के सदस्य भी व्यवस्था में जुटे रहे। पुलिस और आपदा प्रबंधन दल ने भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली।

शीतकालीन यात्रा की तैयारी शुरू

कपाट बंद होने के साथ ही गंगोत्री धाम की मूर्ति यात्रा का भी शुभारंभ होगा। रावल सेमवाल ने बताया कि परंपरागत डोली यात्रा में मां गंगा की प्रतिमा को भव्य शोभायात्रा के रूप में मुखवा गांव लाया जाएगा। इस यात्रा में स्थानीय लोग, तीर्थ पुरोहित और भक्तजन शामिल होंगे। यात्रा के दौरान पूरे मार्ग में भजन-कीर्तन, फूलों की वर्षा और जयघोष की गूंज सुनाई देगी।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में गंगोत्री धाम क्षेत्र में तापमान शून्य के करीब पहुँच जाएगा, जिसके बाद क्षेत्र में बर्फबारी की संभावना है। इसी कारण परंपरा के अनुसार हर वर्ष दीपावली के बाद गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

गंगोत्री धाम के महंत ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे कपाट बंद होने से पहले अधिक से अधिक संख्या में आकर मां गंगा के दर्शन करें और इस पवित्र क्षण का साक्षी बनें। उन्होंने कहा कि “दीपावली का यह पर्व गंगा तट पर मनाना अपने आप में एक दिव्य अनुभव है, जहाँ आस्था और प्रकृति दोनों का अद्भुत संगम होता है।”


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