- हार के बाद जगमीत ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया।
- जगमीत की पार्टी NDP को पूरे चुनाव में सिर्फ 7 सीटों पर जीत मिली है।
ओटावा/टोरंटो। कनाडा में खालिस्तान समर्थक राजनीति का अब पतन तय माना जा रहा है। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक छवि वाले जगमीत सिंह को आम चुनाव में करारी शिकस्त मिली है। ब्रिटिश कोलंबिया की बर्नबी सेंट्रल सीट से वह अपनी हार तक नहीं टाल सके, जहां लिबरल पार्टी के उम्मीदवार वेड चांग ने 40 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ विजय हासिल की, जबकि सिंह केवल 27 प्रतिशत वोट ही जुटा सके। चुनावी नतीजों के तुरंत बाद जगमीत सिंह ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया।
केवल 7 सीटें, खत्म हुआ राष्ट्रीय दर्जा
एनडीपी के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा। पार्टी को केवल 7 सीटों पर ही जीत मिल सकी, जबकि राष्ट्रीय दल का दर्जा बनाए रखने के लिए कम से कम 12 सीटों पर जीत जरूरी होती है। ऐसे में NDP अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने जा रही है। यह वही पार्टी है जिसने पिछली बार 24 सीटें जीती थीं और पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को सरकार चलाने में समर्थन दिया था।
जस्टिन ट्रूडो भी सत्ता से बाहर
इस बार चुनाव में न सिर्फ जगमीत सिंह को बल्कि जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार का सामना करना पड़ा है। ट्रूडो पहले ही जनवरी में लिबरल पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मार्क कार्नी को जिम्मेदारी सौंप चुके थे। अब मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाई है। यह लिबरल पार्टी की लगातार चौथी सरकार है, जो ट्रूडो के राजनीतिक युग के अंत की भी पुष्टि करती है।
खालिस्तान समर्थक राजनीति का अंत?
कनाडा में जगमीत सिंह की हार को खालिस्तानी समर्थक एजेंडे की हार के रूप में देखा जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में उन्होंने भारत विरोधी बयानों के ज़रिए भारतीय प्रवासी समुदाय में काफी नाराज़गी पैदा की थी। उनकी हार इस बात का संकेत है कि कनाडा की जनता अब कट्टरपंथी और विभाजनकारी राजनीति से दूरी बनाना चाहती है।