July 4, 2025 11:58 PM

G7 समिट 2025 के लिए पीएम मोदी को कनाडा का न्योता, बदले रिश्तों में फिर दिखी नई शुरुआत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा की ओर से G7 देशों की सालाना समिट में हिस्सा लेने का औपचारिक न्योता मिला है। यह निमंत्रण कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने खुद पीएम मोदी को फोन कर दिया। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बात की जानकारी साझा की और न्योते के लिए आभार जताया। उन्होंने कार्नी को हालिया चुनाव में मिली जीत पर बधाई भी दी और कहा कि वे समिट के दौरान उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं।

15 से 17 जून तक कनाडा में होगा आयोजन

इस वर्ष G7 सम्मेलन कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस नामक खूबसूरत और सुरक्षित इलाके में 15 से 17 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा। भारत को समिट में गेस्ट कंट्री के रूप में भाग लेने के लिए यह न्योता समिट शुरू होने से महज 8 दिन पहले दिया गया है, जो इस साल की कूटनीतिक पेचीदगियों को दर्शाता है।

पुराने विवाद के बावजूद भारत को निमंत्रण

पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बना हुआ था। 2023 में तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह आरोप लगाया था कि खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल हो सकते हैं। भारत ने इन आरोपों को “बेसिर-पैर का और राजनीति से प्रेरित” बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। इस विवाद के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर काफी तल्खी आ गई थी और उच्चायोगों की गतिविधियां सीमित कर दी गई थीं।

इस पृष्ठभूमि में यह माना जा रहा था कि कनाडा भारत को इस साल G7 समिट में आमंत्रित नहीं करेगा, लेकिन ऐन मौके पर न्योते ने रिश्तों में एक नई दिशा की संभावनाएं खोल दी हैं।

अब तक किन देशों को भेजा गया है निमंत्रण?

हर वर्ष जिस देश के पास G7 की अध्यक्षता होती है, वह कुछ विशेष देशों को ‘गेस्ट’ के रूप में बुलाता है। इस साल कनाडा ने अब तक यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है। भारत को यह आमंत्रण हाल ही में भेजा गया है। अन्य गेस्ट देशों की सूची अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

भारत 2019 से लगातार G7 समिट में आमंत्रित होता रहा है। मोदी की उपस्थिति न केवल भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करती है, बल्कि जलवायु, वैश्विक अर्थव्यवस्था और आतंकवाद जैसे विषयों पर भारत के विचार साझा करने का बड़ा मंच भी देती है।


क्या है G7?

G7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन दुनिया के सात सबसे अमीर और औद्योगिक रूप से विकसित देशों का समूह है। इसमें शामिल हैं:

  • कनाडा
  • फ्रांस
  • जर्मनी
  • इटली
  • जापान
  • यूनाइटेड किंगडम
  • अमेरिका

इस समूह की शुरुआत 1975 में फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, वेस्ट जर्मनी और इटली के बीच हुई थी, जब ये देश शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ के बढ़ते प्रभाव के जवाब में एक मंच पर आए। तब यह समूह G6 था। 1976 में कनाडा के शामिल होने के बाद G7 बना। इस समूह का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक नीतियों, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना रहा है।

भारत की भूमिका और अपेक्षाएं

भारत G7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन उसे हर साल एक महत्वपूर्ण ‘गेस्ट’ देश के रूप में आमंत्रित किया जाता रहा है। इसकी वजह है भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, रणनीतिक ताकत और वैश्विक मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति। इस साल के समिट में भारत की भागीदारी न केवल दक्षिण एशिया की आवाज को G7 मंच तक पहुंचाएगी, बल्कि कनाडा के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।


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