October 19, 2025 12:01 AM

ये है नए भारत की ताकत: राफेल वाले फ्रांस को भाया भारत का ‘पिनाका रॉकेट सिस्टम’, आर्मी चीफ ने जताई साझेदारी की इच्छा

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  • ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई स्वदेशी हथियारों की असली शक्ति, फ्रांसीसी सेना प्रमुख बोले – भारत के सिस्टम हैं सटीक और आधुनिक

नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी सैन्य तकनीक अब केवल देश की सीमाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि दुनिया की बड़ी सेनाएँ भी इसकी ताकत का लोहा मानने लगी हैं। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षात्मक क्षमता और स्वदेशी हथियार प्रणालियों की प्रभावशीलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया। इस अभियान के बाद फ्रांस, जो राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माता देश है, अब भारत के मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर ‘पिनाका’ का मुरीद बन गया है।

फ्रांस की सेना के प्रमुख जनरल पियरे शिल ने अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान भारतीय रक्षा तकनीकों में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि फ्रांसीसी सेना भारत के स्वदेशी हथियार प्रणालियों का अध्ययन करना चाहती है और भविष्य में भारत के साथ साझेदारी के अवसर तलाश रही है।


ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई भारत की सैन्य शक्ति

भारत द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल ही में संचालित ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीतिक जवाब था, बल्कि यह अभियान भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का भी प्रमाण बन गया।

इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अपने स्वदेशी पिनाका रॉकेट सिस्टम, लोइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) और ड्रोन-रोधी रक्षा प्रणालियों का सफलतापूर्वक प्रयोग किया। इन हथियारों ने पाकिस्तान की मिसाइल लॉन्च साइटों, गोला-बारूद ठिकानों और सप्लाई लाइनों को सटीकता से निशाना बनाया।

ऑपरेशन के दौरान पिनाका सिस्टम की प्रभावशाली मारक क्षमता और तेज़ प्रतिक्रिया ने भारत की रक्षात्मक नीति को एक नई धार दी।


पिनाका — भारत की ‘आत्मनिर्भर आर्टिलरी शक्ति’

फ्रांस की रुचि विशेष रूप से भारत के ‘पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम’ में है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पिनाका प्रणाली भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चर है, जो 60 से 120 किलोमीटर तक की दूरी पर सटीक हमला करने में सक्षम है।

पिनाका के नवीनतम संस्करणों में गाइडेड रॉकेट्स, स्वचालित टारगेटिंग सिस्टम और उन्नत फायर-कंट्रोल तकनीक का उपयोग किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बहुत कम समय में बड़ी संख्या में रॉकेट दागने की क्षमता रखता है, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया देने का समय ही नहीं मिलता।

फ्रांसीसी आर्मी चीफ ने कहा कि “भारत ने जिस तरह अपने स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर इस सिस्टम को ऑपरेशन के अनुकूल बनाया है, वह अत्यंत प्रभावशाली है। भारतीय सेना अपने हथियारों का न सिर्फ सटीक उपयोग कर रही है, बल्कि उन्हें लगातार अपग्रेड भी कर रही है — यह किसी भी देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।”


फ्रांस क्यों दिखा रहा है दिलचस्पी?

फ्रांस अपने मौजूदा आर्टिलरी सिस्टम को और अधिक आधुनिक बनाना चाहता है। फ्रांसीसी सेना के पास वर्तमान में सीएसर (CAESAR) सेल्फ-प्रोपेल्ड गन सिस्टम है, जो अत्याधुनिक तोपों में गिना जाता है, लेकिन रॉकेट आधारित लंबी दूरी के हथियारों के क्षेत्र में फ्रांस अपेक्षाकृत पीछे है।

यही वजह है कि फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय भारत की पिनाका प्रणाली को संभावित सहयोग के रूप में देख रहा है। पिछले वर्ष ही फ्रांस के एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने भारत आकर पिनाका सिस्टम का प्रदर्शन देखा था और इसके प्रदर्शन को “उत्कृष्ट” बताया था।


भारतीय स्वदेशी हथियारों की वैश्विक प्रशंसा

भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पाद अब वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। पिनाका के अलावा भारत द्वारा निर्मित ‘प्रलय’ मिसाइल, ‘अकाष’ वायु रक्षा प्रणाली, ‘नाग’ एंटी-टैंक मिसाइल, और ‘तेजस’ लड़ाकू विमान को भी कई देशों ने सराहा है।

फ्रांस की यह रुचि भारत की रक्षा कूटनीति के लिए एक बड़ा अवसर है। यदि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ता है, तो इससे भारत को रक्षा निर्यात बढ़ाने और यूरोपीय बाजारों में प्रवेश करने का मार्ग मिलेगा।


भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग का नया अध्याय

भारत और फ्रांस के बीच पहले से ही मजबूत रक्षा संबंध हैं। राफेल विमानों की डिलीवरी के बाद दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग की नींव और मजबूत हुई है। अब फ्रांस की रुचि पिनाका और लोइटरिंग म्यूनिशन में दिखना इस साझेदारी के अगले चरण का संकेत है।

विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रांस भारत के साथ न केवल तकनीकी सहयोग, बल्कि को-प्रोडक्शन यानी संयुक्त उत्पादन की दिशा में भी कदम बढ़ा सकता है। इससे दोनों देशों की रक्षा उद्योगों को लाभ मिलेगा और भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति को वैश्विक प्रोत्साहन मिलेगा।


भारत के आत्मनिर्भर रक्षा मॉडल की सफलता

भारत के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति देश के लिए गर्व का विषय है। वर्षों तक विदेशों से हथियार आयात करने वाला भारत अब न केवल आत्मनिर्भर बना है, बल्कि विकसित देशों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि अब भारत को अपनी सुरक्षा के लिए बाहरी शक्तियों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। यह वही भारत है जो आज अपनी तकनीक, अपने वैज्ञानिकों और अपने सैनिकों पर विश्वास करता है।


जनरल शिल के शब्दों में भारत की तारीफ

फ्रांसीसी आर्मी चीफ जनरल पियरे शिल ने कहा —

“भारतीय सेना अपने स्वदेशी उद्योगों और वैज्ञानिकों के सहयोग से जिस तरह आधुनिक हथियार प्रणालियों का विकास कर रही है, वह अत्यंत सराहनीय है। ऑपरेशन सिंदूर में हमने जो देखा, वह भविष्य की सैन्य रणनीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”

उनके इस बयान को भारत की रक्षा क्षमता की वैश्विक मान्यता माना जा रहा है।

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