फोर्ब्स की 2025 की ताज़ा सूची में 12 भारतीय मूल के अरबपति शामिल, भारत बना शीर्ष प्रवासी जन्म स्थान

जय चौधरी बने अमेरिका में सबसे अमीर भारतीय मूल के अरबपति, फोर्ब्स की नई सूची जारी

📍 नई दिल्ली। फोर्ब्स द्वारा जारी 2025 की अमेरिका के सबसे अमीर प्रवासी अरबपतियों की सूची में 12 भारतीय मूल के व्यक्तियों ने जगह बनाई है। खास बात यह है कि इस सूची में भारत ने अब इजराइल को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका में सबसे ज्यादा अरबपति अप्रवासी भेजने वाला देश बनकर पहचान बनाई है।

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जय चौधरी सबसे अमीर भारतीय मूल के अप्रवासी

इस सूची में सबसे ऊपर नाम है 65 वर्षीय जय चौधरी का, जिनकी कुल संपत्ति 17.9 अरब डॉलर आंकी गई है।

  • वे Zscaler नामक साइबर सुरक्षा कंपनी के संस्थापक और CEO हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने 2008 में की थी।
  • कंपनी मार्च 2018 में सार्वजनिक हुई, और आज जय चौधरी और उनका परिवार कंपनी के करीब 40% शेयरों के मालिक हैं।
  • चौधरी मूल रूप से भारत के हिमाचल प्रदेश से हैं और 1980 में सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचे थे।

उनकी यह सफलता इस मायने में भी खास है कि अमेरिका आने से पहले उन्होंने हवाई जहाज तक नहीं देखा था।

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अमेरिका में शीर्ष 3 सबसे अमीर अप्रवासी

  1. एलन मस्क (दक्षिण अफ्रीका) – \$393.1 बिलियन
  2. सर्गेई ब्रिन (रूस) – \$139.7 बिलियन
  3. जेन्सेन हुआंग (ताइवान) – \$91.6 बिलियन

अमेरिका में 2025 के सबसे अमीर भारतीय मूल के अप्रवासी

नामकुल संपत्ति (अरब डॉलर)क्षेत्र/कंपनी
जय चौधरी17.9Zscaler (साइबर सुरक्षा)
विनोद खोसला9.2सन माइक्रोसिस्टम्स, उद्यम पूंजी
राकेश गंगवाल6.6एयरलाइन व्यवसाय
रोमेश वाधवानी5.0सॉफ्टवेयर
राजीव जैन4.8फाइनेंस
कवितर्क राम श्रीराम3.0गूगल, वेंचर कैपिटल
राज सरदाना2.0प्रौद्योगिकी सेवाएं
डेविड पॉल1.5चिकित्सा उपकरण
निकेश अरोड़ा1.4साइबर सुरक्षा, सॉफ्टबैंक, गूगल
सुंदर पिचाई1.1अल्फाबेट (गूगल)
सत्य नडेला1.1माइक्रोसॉफ्ट
नीरजा सेठी1.0आईटी परामर्श

📌 नोट: सभी संपत्तियां अमेरिकी डॉलर में बिलियन (अरब) में हैं।


भारत बना प्रमुख अरबपति प्रवासी देश

फोर्ब्स की सूची में बताया गया है कि अमेरिका में 125 अरबपति अप्रवासी हैं, जो 43 देशों से संबंध रखते हैं। इनमें से लगभग दो-तिहाई अरबपति भारत, इजराइल, ताइवान, कनाडा, और चीन जैसे देशों से हैं। यह ट्रेंड दर्शाता है कि भारत न केवल तकनीकी और उद्यमशीलता का वैश्विक केंद्र बन रहा है, बल्कि प्रवासी समुदाय भी अमेरिका में बेहद प्रभावशाली आर्थिक उपस्थिति दर्ज करा रहा है।



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