- श्रद्धालुओं में आस्था और उत्साह की लहर दौड़ पड़ी
श्रीनगर। कश्मीर की पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के शिवलिंग की पहली झलक सामने आ चुकी है। इस बार शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 7 फीट है, जिसे देखकर श्रद्धालुओं में आस्था और उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है। तीर्थयात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी और रक्षाबंधन (9 अगस्त) तक चलेगी। यह 38 दिवसीय यात्रा देश-विदेश से लाखों शिवभक्तों को कश्मीर की बर्फीली वादियों में खींच लाएगी।
रजिस्ट्रेशन में रिकॉर्ड तोड़ उत्साह
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन में अब तक 20% की बढ़ोतरी देखी गई है। 15 अप्रैल से अब तक करीब 3.5 लाख श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के जरिए एडवांस रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है।
सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सरकार सतर्क
हमले के मद्देनज़र सुरक्षा प्रबंध पहले से ज्यादा मजबूत किए गए हैं। बेस कैंपों पर टट्टू वालों और लोकल सेवादारों की ID वेरिफिकेशन सख्ती से हो रही है। श्राइन बोर्ड ने e-KYC, RFID कार्ड और ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन जैसी आधुनिक सुविधाओं को अपग्रेड किया है।
उपराज्यपाल का निरीक्षण, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए दिशानिर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के पंथा चौक ट्रांजिट कैंप का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। PNB जम्मू सर्कल के चीफ अनिल शर्मा के अनुसार, गर्भवती महिलाओं, 13 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी
बीते वर्षों का आंकड़ा: श्रद्धा का बढ़ता ग्राफ
- 2024: 5 लाख यात्रियों ने किए दर्शन (52 दिन की यात्रा)
- 2023: 4.5 लाख श्रद्धालु (62 दिन)
- 2022: 3 लाख यात्री (43 दिन, कोविड के बाद)
- 2012: अब तक का रिकॉर्ड—6.35 लाख यात्रियों ने किए दर्शन
- 2020-21: यात्रा कोरोना के कारण स्थगित रही
इस बार जम्मू, श्रीनगर, बालटाल, नुनवान और पहलगाम के बेस कैंपों पर विशेष आवास, चिकित्सा और पंजीयन व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, 2025 की यात्रा अब तक की सबसे सुव्यवस्थित और सुरक्षित मानी जा सकती है।