• आग की लपटें अब न सिर्फ सैकड़ों हेक्टेयर वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले चुकी
  • आसपास के आबादी वाले गांवों और हाईवे के लिए भी बड़ा खतरा बन गई

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में नेशनल हाईवे-144ए (NH-144A) के पास फैले जंगलों में बीते कई दिनों से भीषण आग सुलग रही है, जो अब धीरे-धीरे गंभीर संकट का रूप लेती जा रही है। आग की लपटें अब न सिर्फ सैकड़ों हेक्टेयर वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले चुकी हैं, बल्कि आसपास के आबादी वाले गांवों और हाईवे के लिए भी बड़ा खतरा बन गई हैं।

जंगल की आग पहुंची हाईवे के करीब

सूत्रों के अनुसार, जंगल की आग धीरे-धीरे एनएच-144ए और उसके किनारे बसे गांवों तक फैलने लगी है। तेज गर्मी और तेज हवाओं के चलते आग को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। आग की आंच अब लोकल ट्रैफिक, पर्यावरण और सुरक्षा व्यवस्था पर भी असर डाल रही है।

अग्निशमन विभाग ने मोर्चा संभाला

फायर सर्विस डिपार्टमेंट ने हालात की गंभीरता को देखते हुए कई विशेष अग्निशमन टीमों को मौके पर तैनात किया है। इन टीमों को निर्देश दिया गया है कि सबसे पहले आग के फैलाव को रोका जाए, फिर चरणबद्ध ढंग से उसे बुझाया जाए। अधिकारियों का कहना है कि दुर्गम इलाकों और ऊंचाई की वजह से आग बुझाने के काम में विलंब हो रहा है।

वन्य जीवन और पर्यावरण को भारी नुकसान

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अनुसार, सैकड़ों पेड़, दुर्लभ वनस्पति और कई वन्य जीव इस आग से प्रभावित हो चुके हैं। अभी तक नुकसान का सटीक आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन पर्यावरणीय क्षति गंभीर बताई जा रही है। जंगली जानवरों के पलायन की खबरें भी सामने आ रही हैं।

गांवों को अलर्ट पर रखा गया

प्रशासन ने आसपास के गांवों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ग्रामीणों से कहा गया है कि वे आग के आसपास न जाएं और बच्चों व पशुधन को दूर रखें। यदि स्थिति नियंत्रण में नहीं आई, तो आसपास के गांवों को अस्थायी रूप से खाली कराने की योजना भी बनाई जा रही है।

पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी आगें कार्बन उत्सर्जन बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय जैव विविधता को नष्ट कर देती हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि सतत मॉनिटरिंग, आधुनिक तकनीक और हेलिकॉप्टर वाटर बंबिंग जैसे उपायों पर भी विचार किया जाए।