- सतारा के होटल में डॉक्टर ने की आत्महत्या, नोट में लगाए दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न के आरोप; पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा, दूसरा अब भी फरार
मुंबई। महाराष्ट्र में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा आरोपी अभी फरार है। मृतक डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखा सुसाइड नोट छोड़कर दो लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इनमें से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर और दूसरा सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने शामिल हैं। डॉक्टर का शव गुरुवार रात सतारा जिले के फलटन स्थित एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। महिला डॉक्टर मूल रूप से बीड जिले की रहने वाली थीं और एक सरकारी अस्पताल में सेवाएं दे रही थीं।
हथेली पर लिखा सुसाइड नोट बना अहम सबूत
पुलिस जांच के अनुसार, मृतका ने आत्महत्या से पहले अपनी हथेली पर ही सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने दोनों आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे थे। नोट में डॉक्टर ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर लंबे समय से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “दोनों के खिलाफ फलटन शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में से एक, बांकर को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।”
सब-इंस्पेक्टर निलंबित, जांच जारी
पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद आरोपी सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। फलटन पुलिस अब होटल के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स और डिजिटल चैट्स की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आत्महत्या से पहले डॉक्टर की किनसे बातचीत हुई थी।
होटल के कमरे से मिले अहम सुराग
मृतका का शव होटल के एक कमरे में फंदे से लटका मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।
पुलिस को मौके से कुछ दवाइयां, मोबाइल फोन, और डॉक्टर की पर्सनल डायरी भी मिली है।
डायरी में कुछ पन्नों पर “मुझे न्याय चाहिए” और “अब मैं और नहीं सह सकती” जैसे वाक्य लिखे मिले हैं, जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि डॉक्टर लंबे समय से मानसिक तनाव में थीं।
सहकर्मियों ने बताई व्यथा
अस्पताल के सहकर्मियों ने बताया कि मृतका पिछले कुछ महीनों से उदास और चुप रहती थीं।
एक नर्स ने बताया कि “वह अक्सर कहती थीं कि कुछ लोग उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं और झूठे आरोप लगाने की धमकी दे रहे हैं।”
सहकर्मियों ने कहा कि डॉक्टर मेहनती और संवेदनशील स्वभाव की थीं और उनके आत्महत्या जैसा कदम उठाने की बात पर अब भी विश्वास नहीं हो रहा।
प्रशासन ने जताया शोक और सख्त कार्रवाई के संकेत
इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
राज्य के गृह विभाग ने कहा है कि यह मामला बेहद गंभीर है और दोषियों को कड़ी कानूनी सजा दिलाई जाएगी।
वहीं, महिला आयोग ने भी इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
डॉक्टर की आत्महत्या के बाद बीड और सतारा जिले में आक्रोश फैल गया है।
डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि महिला चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए ठोस नीति बनाई जाए और उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई तेज अदालतों (Fast Track Courts) में की जाए।
यह मामला एक बार फिर समाज के उस दर्दनाक पक्ष को उजागर करता है, जहां शिक्षित, सक्षम महिलाएं भी मानसिक उत्पीड़न और शोषण का शिकार बन रही हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच कितनी पारदर्शिता और तेजी से आगे बढ़ती है।









