कनाडा से लौटे 27 वर्षीय अमृतपाल सिंह ने मारी थी टक्कर, हादसे के बाद गाड़ी समेत फरार हो गया था

114 वर्षीय एथलीट फौजा सिंह की सड़क हादसे में मौत, एनआरआई आरोपी गिरफ्तार

जालंधर। दुनिया भर में भारत का नाम रोशन करने वाले 114 वर्षीय बुजुर्ग एथलीट फौजा सिंह की मौत के मामले में पुलिस ने गाड़ी चालक आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है। 27 वर्षीय अमृतपाल कनाडा से हाल ही में लौटा NRI है और जालंधर के पास दासूपुर गांव (करतारपुर) का निवासी है।

यह दर्दनाक हादसा 14 जुलाई को हुआ था, जब फौजा सिंह सुबह की सैर पर निकले थे और जालंधर-पठानकोट हाईवे पर एक फॉर्च्यूनर गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

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📌 कैसे हुआ हादसा?

फौजा सिंह अपने घर से रोज़ की तरह पैदल सैर पर निकले थे। SSP हरविंदर सिंह विर्क के मुताबिक, जब वे 120 मीटर दूर हाईवे पर पहुंचे, तो अचानक तेज रफ्तार में आ रही फॉर्च्यूनर ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया, और फौजा सिंह को आस-पास के लोगों ने तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

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🧩 जांच कैसे आगे बढ़ी?

पुलिस को घटनास्थल से गाड़ी के कुछ टूटे हुए पार्ट्स मिले। एक्सपर्ट्स ने इन पार्ट्स की पहचान कर बताया कि यह पुराने मॉडल की फॉर्च्यूनर कार के हैं। पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज खंगाले, जिनमें एक फॉर्च्यूनर से वही हिस्सा गायब था जो घटनास्थल पर मिला था।

CCTV के आधार पर गाड़ी का नंबर (PB 20C 7100) ट्रेस किया गया, जो कपूरथला जिले के अठौली गांव के वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पूछताछ में वरिंदर ने बताया कि उसने हाल ही में अपनी गाड़ी अमृतपाल सिंह ढिल्लों को बेची है, जो 8 दिन पहले कनाडा से भारत आया था।


🚔 आरोपी की गिरफ्तारी और कबूलनामा

पुलिस ने मंगलवार रात अमृतपाल को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया और गाड़ी भी बरामद कर ली। आरोपी को थाना भोगपुर लाकर पूछताछ की गई।

पूछताछ में अमृतपाल ने बताया कि वह मुकेरियां से मोबाइल बेचकर लौट रहा था, जब ब्यास पिंड के पास हादसा हो गया। बुजुर्ग को टक्कर लगने के बाद वह घबरा गया और घटना की सूचना देने की बजाय सीधे घर भाग गया।

अमृतपाल ने बताया कि उसे जालंधर जाना था, लेकिन डर के मारे वह अपने गांव दासूपुर लौट गया। उसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है और वह कनाडा में लेबर की नौकरी करता है। उसके पास 2027 तक का वर्क परमिट भी है। उसके पिता का देहांत हो चुका है और मां कनाडा में रहती हैं।

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🕯️ अंतिम संस्कार रुका हुआ, परिजन कनाडा से लौटेंगे तब होगा

फौजा सिंह की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार अब तक नहीं किया गया है। परिवार ने बताया कि उनके बेटे, बेटियां और अन्य रिश्तेदार कनाडा में रहते हैं और उनके लौटने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।


🏃‍♂️ कौन थे फौजा सिंह?

  • फौजा सिंह ने 90 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ में हिस्सा लेकर दुनियाभर में ख्याति पाई थी।
  • वे भारत के सबसे उम्रदराज़ एथलीट माने जाते थे और उन्होंने लंदन, टोरंटो, न्यूयॉर्क जैसी अंतरराष्ट्रीय मैराथनों में भाग लिया था।
  • उन्हें 'टर्बन टॉर्नाडो' के नाम से भी जाना जाता है।
  • उनकी फिटनेस और दृढ़ इच्छाशक्ति युवाओं के लिए प्रेरणा थी।

🎙️ SSP का बयान

"फौजा सिंह सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि भारत का गौरव थे। हम उनके साथ हुए हादसे की जांच पूरी गंभीरता से कर रहे हैं और न्याय दिलाएंगे।"



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