• दुर्घटना अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान और रक्षा तकनीक के क्षेत्र में गंभीर चिंता का विषय बन गई

वाशिंगटन। अमेरिका की सैन्य क्षमताओं का प्रतीक माने जाने वाले अत्याधुनिक F-35 लड़ाकू विमान का एक मॉडल सोमवार को कैलिफोर्निया के नेवल एअर स्टेशन लेमूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह दुर्घटना अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान और रक्षा तकनीक के क्षेत्र में गंभीर चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, इस घटना में सबसे राहत की बात यह रही कि पायलट समय रहते विमान से बाहर निकलने में सफल रहा और पूरी तरह सुरक्षित है। नेवल एअर स्टेशन (NAS) लेमूर द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि “दुर्घटना के समय विमान एक नियमित उड़ान पर था और किसी भी प्रकार के सशस्त्र मिशन पर नहीं था।” बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि हादसे में किसी भी अन्य सैन्यकर्मी या नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

पायलट की सतर्कता से टला बड़ा हादसा

F-35 जैसे उन्नत विमान की कीमत लगभग 8 से 10 करोड़ डॉलर के बीच होती है और यह दुनिया के सबसे महंगे तथा तकनीकी रूप से सुसज्जित लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। ऐसी स्थिति में दुर्घटना की गंभीरता स्वतः बढ़ जाती है। विमान के पायलट ने समय रहते ‘ईजेक्शन सिस्टम’ का प्रयोग कर जान बचाई, जिससे एक बड़ा जानी नुकसान टल गया।

हादसे की जांच के आदेश, तकनीकी खराबी की आशंका

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार दुर्घटना के संभावित कारणों की जांच की जा रही है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हादसा तकनीकी खामी के चलते हुआ या उड़ान संचालन में कोई मानवीय भूल थी। अमेरिकी नौसेना की जांच एजेंसियां और तकनीकी विशेषज्ञ घटनास्थल पर मौजूद हैं और मलबे की बारीकी से छानबीन की जा रही है। नेवी ने इस संबंध में कहा है कि "F-35 विमान की दुर्घटना के पीछे संभावित कारणों का पता लगाने के लिए एक विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है, जिसमें विमान के ब्लैक बॉक्स और टेक्निकल लॉग्स की समीक्षा की जाएगी।"

लॉकहीड मार्टिन की चुप्पी बनी रहस्य

F-35 विमानों के निर्माता, अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इस दुर्घटना पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनकी चुप्पी ने कई सैन्य विश्लेषकों के बीच आशंकाएं और भी गहरी कर दी हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तकनीकी खामी सामने आती है तो इससे भविष्य में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा उपयोग किए जा रहे सैकड़ों F-35 विमानों पर सवाल उठ सकते हैं।

इससे पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

गौरतलब है कि F-35 विमानों की विश्वसनीयता पर पूर्व में भी सवाल उठते रहे हैं। वर्ष 2023 में भी अमेरिका में इसी प्रकार के एक विमान की दुर्घटना हुई थी, जिसके बाद कई विमानों को ग्राउंडेड कर दिया गया था। उस समय भी जांच में तकनीकी खामियों की बात सामने आई थी।

सामरिक चिंता का विषय

अमेरिका की रक्षा रणनीति में F-35 विमानों की अहम भूमिका है। ये विमान न केवल वायुसेना, बल्कि नौसेना और मरीन कोर द्वारा भी इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की तकनीकी त्रुटि सामरिक दृष्टि से बड़ा खतरा मानी जाती है। यदि इन विमानों की तकनीकी सुरक्षा में चूक पाई जाती है, तो यह अमेरिकी सैन्य तैयारी और वैश्विक प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सकती है।