- नेत्र रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह मौसम आंखों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है
जून की तपती धूप और 45 डिग्री के पार पारे ने जहां शरीर को डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के खतरे में डाला है, वहीं अब नेत्र रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह मौसम आंखों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें न सिर्फ त्वचा को झुलसा रही हैं, बल्कि आंखों की रेटिना और लेंस पर भी गहरा असर डाल रही हैं, जिससे भविष्य में दृष्टि जाने तक का खतरा पैदा हो सकता है।
सूरज की रोशनी सिर्फ तेज़ नहीं, आंखों की रौशनी के लिए भी जानलेवा
विशेषज्ञों के अनुसार, धूप में अधिक समय तक रहने से आंखों में फोटोकरेटाइटिस नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह एक प्रकार का सनबर्न होता है जो आंखों में जलन, पानी आना, धुंधलापन और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता पैदा करता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आकाश अस्थाना के मुताबिक, लंबे समय तक यूवी किरणों के संपर्क में रहना रेटिना को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे समय से पहले मोतियाबिंद जैसी समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं।

गर्म हवा और धूल का आंखों पर असर
तेज गर्म हवा और धूलभरी हवाओं के कारण ड्राई आई सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आंखों की नमी खत्म होने से वे सूखने लगती हैं, जिससे जलन, चुभन और विजन पर असर पड़ता है। विशेष रूप से कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि उनके लिए ये समस्याएं तेजी से जटिल हो सकती हैं।
डिजिटल डिवाइस और गर्मी: डबल अटैक
डॉ. अस्थाना बताते हैं कि गर्मी में लोग घर के अंदर रहते हुए मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे डिजिटल आई स्ट्रेन होता है। यह स्थिति आंखों में थकान, सिरदर्द और फोकस करने में दिक्कत पैदा करती है। अगर यह स्थिति गर्मी और धूप के साथ मिल जाए, तो आंखों की कार्यक्षमता पर गहरा असर पड़ सकता है।

किन्हें ज्यादा खतरा?
- बुजुर्ग और बच्चे
- ग्लूकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीज
- जो लोग धूप में बाहर काम करते हैं
- ड्राइविंग, सुरक्षा या कृषि कार्यों से जुड़े लोग
इन सभी को आंखों की अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है, क्योंकि तेज रोशनी और हाई टेम्परेचर उनकी आंखों पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं।
बचाव ही सबसे बेहतर उपाय: जानिए कैसे करें आंखों की सुरक्षा
- सनग्लासेस पहनें जो UV-A और UV-B किरणों से आंखों को बचाएं
- बाहर निकलते समय टोपी या छाता का उपयोग करें
- हर दो घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं
- एसी या कूलर वाले कमरे में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर या आंखों में मॉइश्चर ड्रॉप्स का उपयोग करें
- स्क्रीन टाइम सीमित रखें और 20-20-20 नियम अपनाएं – हर 20 मिनट पर 20 फीट दूर 20 सेकंड तक देखें
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं
आंखों की अनदेखी न करें, गर्मी में बन सकती है स्थायी समस्या
नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते आंखों की देखभाल न की जाए तो समस्याएं जटिल होती जाती हैं और आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए इस गर्मी, सिर्फ त्वचा ही नहीं, आंखों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखें।