छत्तीसगढ़ कोयला और शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग समेत 10 ठिकानों पर छापा
रायपुर, 21 सितंबर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से सुर्खियों में रहे कोयला और शराब घोटाले मामले में रविवार को प्रवर्तन शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेशभर में 10 ठिकानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई की। राजधानी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में शराब कारोबारियों के घरों पर दबिश दी गई।
राजधानी रायपुर में कार्रवाई
रायपुर में तीन से चार जगहों पर छापे मारे गए। इनमें रायपुरा स्थित शिव विहार कॉलोनी का ठिकाना प्रमुख रहा, जहां शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची। टीम ने यहां घंटों तलाशी ली और दस्तावेजों की जांच की। सूत्रों के अनुसार, कारोबार से जुड़े वित्तीय लेन-देन और संपत्ति से जुड़े अहम कागजात जब्त किए गए हैं।
दुर्ग और बिलासपुर में छापामारी
इसी तरह दुर्ग और बिलासपुर जिलों में भी कई शराब कारोबारियों के घर ईओडब्ल्यू की टीम ने छापे मारे। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि छापों के दौरान कई कंपनियों और फर्मों से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
जांजगीर-चांपा जिले में भी दबिश
जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में ईओडब्ल्यू की 12 सदस्यीय टीम ने छापेमारी की। यहां खनिज अधिकारी के बेटे और कोयला व्यापारी जयचंद कोसल के घर पर दबिश दी गई। अंबेडकर चौक स्थित उनके आवास में दस्तावेजों की तलाशी ली गई। बताया जा रहा है कि जयचंद कोसल के पिता जिले के राजस्व विभाग में पदस्थ हैं, जिससे मामले ने और अधिक गंभीरता ले ली है।

ताबड़तोड़ छापों से मचा हड़कंप
ईओडब्ल्यू की इस अचानक हुई कार्रवाई से शराब और कोयला कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। टीम ने जिन ठिकानों पर छापा मारा है, वहां भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया। आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में लोग जुट गए और छापामारी की कार्रवाई को देखते रहे।
घोटाले की पृष्ठभूमि
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए शराब और कोयला घोटाले को लेकर पहले ही कई अधिकारी और कारोबारी जेल जा चुके हैं। इस घोटाले में करोड़ों रुपए के लेन-देन का खुलासा हुआ था। ईओडब्ल्यू और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ही एजेंसियां इन मामलों की जांच कर रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घोटाले में राजनीतिक और प्रशासनिक गठजोड़ भी सामने आ सकता है। यही कारण है कि लगातार दबिश और छापामारी की कार्रवाई की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किस स्तर पर अनियमितताएं की गईं और किन नए नामों का खुलासा होता है।
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