प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। 14 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था।
जीवन परिचय:
श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में हुआ था। वह प्रख्यात फ़िल्मकार गुरुदत्त के भतीजे थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1959 में एक कॉपीराइटर के रूप में की थी और बाद में फ़िल्म निर्माण की ओर रुख किया।
फ़िल्मी करियर:
बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में से एक थे। उनकी प्रमुख फ़िल्मों में ‘अंकुर’ (1974), ‘निशांत’ (1975), ‘मंथन’ (1976), ‘भूमिका’ (1977), ‘जुनून’ (1978), ‘कलयुग’ (1981), ‘मंडी’ (1983), ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ (1993), ‘सरदारी बेगम’ (1996), ‘समर’ (1999), ‘हरी भरी’ (2000), और ‘जुबैदा’ (2001) शामिल हैं।
पुरस्कार और सम्मान:
बेनेगल को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1976 में पद्मश्री, 1991 में पद्मभूषण, और 2007 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार शामिल हैं। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार पाँच बार जीता, जो एक रिकॉर्ड है।
स्वास्थ्य और निधन:
लंबे समय से बीमार चल रहे श्याम बेनेगल का निधन 23 दिसंबर 2024 को शाम 6:39 बजे हुआ।
स्मरण:
श्याम बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी फ़िल्में सामाजिक मुद्दों पर गहरी दृष्टि प्रस्तुत करती थीं और उन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी।
उनकी स्मृति में, हम उनके द्वारा निर्देशित एक विशेष साक्षात्कार प्रस्तुत कर रहे हैं: