- पूर्व मंत्री की फर्म पीएसीएल में घोटाले का धन ट्रांसफर करने का आरोप
जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके प्रताप सिंह खाचरियावास और उनके परिवार से संबंधित उन्नीस ठिकानों पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम छापा मार रही है। जयपुर में एक और प्रदेश के अन्य 18 ठिकानों पर सुबह करीब पांच बजे टीमें पहुंच गई थीं। यह मामला रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) में हुए 48 हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ा है। कंपनी पर मध्यप्रदेश समेत बिहार, महाराष्ट्र, , असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर के अलावा आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत अनेक राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। यह कार्रवाई जयपुर के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित उनके निवास पर की गई। यह जयपुर का बेहद वीआईपी इलाका माना जाता है। प्रताप सिंह अपने बड़े भाई करण सिंह खाचरियावास के साथ रहते हैं। आरोप है कि पूर्व मंत्री प्रताप सिंह और उनके परिवार के लोगों के नाम पर पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) में घोटाले का धन ट्रांसफर हुआ था। अधिकांश पैसा प्रॉपर्टी और अन्य सेक्टर में लगा दिया गया। पूर्व मंत्री के घर छापेमारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में जयपुर के सिविल लाइंस स्थित आवास पर समर्थक पहुंच गए। समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। मौके पर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है। सत्रह वर्ष तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ का निवेश किया था।
सबसे पहले जयपुर में इसका खुलासा होने पर एफआईआर दर्ज हुई थी
मामले में प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ईडी केंद्र के अधीन है। इस डबल इंजन की सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकता। मेरे परिवार के सदस्यों के यहां बेवजह सर्च की जा रही है। ईडी के अफसरों का हम पूरा सहयोग करेंगे। मुझे भी पहले से पता था कि ईडी तो एक दिन पहुंचेगी, यदि पहुंचेगी तो मैं भी तैयार हूं। खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के लोगों से कहना चाहूंगा कि आप ही सरकार में नहीं रहोगे। सरकारें बदलती रहती हैं। जमाना बदलेगा। आपने यह कार्रवाई शुरू की है, कल बीजेपी वालों के खिलाफ भी हम यही कार्रवाई करेंगे। डरते थोड़े ही हैं। मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरिवास है। मुझे सबका इलाज करना आता है।
लाखों लोगों के साथ हुई थी पीएसीएल में धोखाधड़ी
- लाखों लोगों के साथ पीएसीएल में धोखाधड़ी हुई थी। इसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 महीने में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें।
- सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है। पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे। इसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी व सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी जीत गई।