भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 22 दिसंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI) धारकों को थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लीकेशंस के जरिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भुगतान करने और प्राप्त करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से पीपीआई धारकों को यूपीआई के जरिए भुगतान करने और प्राप्त करने में अधिक लचीलापन मिलेगा, जो विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्पों को और भी आसान बनाएगा।
थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लीकेशंस के जरिए यूपीआई भुगतान की अनुमति
आरबीआई ने एक परिपत्र जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि केवल वे पीपीआई धारक जिन्हें पूरा केवाईसी (Know Your Customer) किया गया हो, वे ही यूपीआई भुगतान करने और प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह निर्णय विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं के लिए है जो विभिन्न थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लीकेशंस, जैसे कि गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि का उपयोग करते हुए यूपीआई के माध्यम से लेन-देन करना चाहते हैं।
प्रक्रिया
RBI के आदेश के अनुसार, पीपीआई जारीकर्ता (जो गिफ्ट कार्ड, मेट्रो रेल कार्ड या डिजिटल वॉलेट जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं) को अपने ग्राहकों को यूपीआई हैंडल से जोड़ने की अनुमति होगी, बशर्ते ग्राहक का केवाईसी पूर्ण हो। इस प्रक्रिया के तहत, पीपीआई से यूपीआई लेन-देन ग्राहक के मौजूदा पीपीआई क्रेडेंशियल्स के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि लेन-देन करने से पहले ही पीपीआई प्रणाली द्वारा अनुमोदित होगा, ताकि यूपीआई नेटवर्क तक पहुंचने से पहले किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
लचीलापन और सुरक्षा
आरबीआई के इस कदम का मुख्य उद्देश्य पीपीआई धारकों को अधिक लचीलापन प्रदान करना है। इस फैसले से गिफ्ट कार्ड, मेट्रो रेल कार्ड, डिजिटल वॉलेट जैसे पीपीआई के माध्यम से उपयोगकर्ता आसानी से यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकेंगे। इससे डिजिटल भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी और लेन-देन की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
हालांकि, आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि पीपीआई जारीकर्ता किसी अन्य बैंक या पीपीआई जारीकर्ता के ग्राहकों को अपने सिस्टम में नहीं जोड़ सकते। यह नियम सुनिश्चित करता है कि केवल पूरा केवाईसी करने वाले उपयोगकर्ता ही यूपीआई के माध्यम से भुगतान और प्राप्ति के लिए योग्य होंगे, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता की उच्च मानक सुनिश्चित की जाएगी।
व्यापक प्रभाव
यह निर्णय डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को और भी सशक्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, खासकर उन ग्राहकों के लिए जो यूपीआई और पीपीआई का इस्तेमाल करते हैं। इसे लागू करने से पीपीआई के जरिए होने वाले लेन-देन की गति में सुधार होगा और भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में और अधिक लचीलापन आएगा।
इस कदम से छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा, क्योंकि वे आसानी से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे और छोटे लेन-देन को भी बिना किसी कठिनाई के पूरा कर सकेंगे।