सीआईआई के ‘इंडियाएज 2025’ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री का संबोधन, विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर

नई दिल्ली, 3 दिसंबर। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘इंडियाएज 2025’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के उत्पादन क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाने के लिए नवाचार, गुणवत्ता, डिजाइन, स्थिरता और दक्षता सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। उन्होंने कहा कि ये पाँच कारक भविष्य के विनिर्माण क्षेत्र की रीढ़ साबित होंगे और भारत को विश्व स्तर पर एक मजबूत उत्पादन केंद्र बनने में मदद करेंगे।

घरेलू क्षमता और आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण जरूरी

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है जहाँ घरेलू क्षमता को और मजबूत किया जा सकता है और आपूर्ति श्रृंखला पर बेहतर नियंत्रण बनाना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा—
“आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें अपनी आपूर्ति श्रृंखला को अपने नियंत्रण में लेना ही होगा। कई क्षेत्रों में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, पर अब समय है कि हम अपनी क्षमता को पूरी तरह विकसित करें।”

विनिर्माण बढ़ेगा तो सेवाओं में भी तेज विकास होगा

गोयल ने उद्योग जगत से तालमेल बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी तो इसका सीधा प्रभाव सेवा क्षेत्र पर भी पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ मिलकर काम करने से न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि सेवा क्षेत्र की गति भी तेज होगी और यह दोनों मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान करेंगे।

सरकार स्पष्ट दृष्टि के साथ काम कर रही: गोयल

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सरकार एक स्पष्ट और स्थायी दृष्टि के साथ देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कृषि, सेवाओं और उत्पादन , तीनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।

विनिर्माण आउटपुट तेजी से विविध हो रहा

अपने संबोधन में पीयूष गोयल ने बताया कि देश का विनिर्माण उत्पादन पहले की तुलना में कहीं अधिक विविध हो गया है।
उन्होंने कहा कि भारत अब कई नए क्षेत्रों में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है, जिनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स

  • श्वेत वस्त्र (व्हाइट गुड्स)

  • रसायन (केमिकल्स)

  • पेट्रोकेमिकल्स

इन क्षेत्रों में हुई तेजी से वृद्धि भारत की नई औद्योगिक क्षमता को दर्शाती है।

नवाचार को केंद्र में लाने की आवश्यकता

गोयल ने कहा कि भारत को विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में आत्मनिर्भर बनने के लिए नवाचार को केंद्र में रखना होगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि उद्योग और सरकार को तकनीकी समाधानों, डिजाइन सुधारों और गुणवत्ता में तीव्र वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि भारत वैश्विक स्तर पर विनिर्माण के लिए प्राथमिक पसंद बन सके।


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