- एक साथ कई देशों में धरती हिली, लोग सहमे
नई दिल्ली। बीती रात से लेकर सुबह तक तिब्बत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन झटकों से लोगों में दहशत फैल गई और कई स्थानों पर लोग आधी रात को ही अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की खबर नहीं मिली है।
विभिन्न देशों में दर्ज हुई अलग-अलग तीव्रता
जानकारी के अनुसार, तिब्बत में 4.0 तीव्रता, पाकिस्तान में 4.6 तीव्रता, अफगानिस्तान में 4.3 तीव्रता, हिमाचल प्रदेश के शिमला में 2.8 तीव्रता, और लद्दाख के लेह में 3.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। ये सभी क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं, इसलिए मामूली झटकों से भी लोगों में भय का माहौल बन गया।
तिब्बत और पड़ोसी देशों में झटके महसूस किए गए
तिब्बत में आए 4.0 तीव्रता के भूकंप का केंद्र पहाड़ी क्षेत्र में था। झटके हल्के थे, लेकिन लोगों में दहशत देखी गई। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
वहीं, पाकिस्तान में आए 4.6 तीव्रता और अफगानिस्तान में आए 4.3 तीव्रता के झटकों ने भी रात के सन्नाटे को तोड़ दिया। पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों और अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में झटके स्पष्ट रूप से महसूस किए गए। दोनों देशों के प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत दलों को सतर्क कर दिया है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
भारत के हिमाचल और लद्दाख में भी धरती हिली
भारत में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए। हिमाचल प्रदेश के शिमला में 22 अक्टूबर 2025 की रात करीब 1 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 2.8 मापी गई। इसका केंद्र लगभग 5 किलोमीटर की गहराई पर था। झटके हल्के थे, लेकिन शहर के कई हिस्सों में लोगों ने इन्हें महसूस किया। सौभाग्य से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। वहीं, लद्दाख के लेह में 21 अक्टूबर की दोपहर भूकंप दर्ज किया गया। इसकी तीव्रता 3.7 थी और केंद्र 90 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। पहाड़ी इलाकों में इसका असर सीमित रहा और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।
राहत की बात — किसी भी क्षेत्र में नुकसान की खबर नहीं
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, तिब्बत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख — किसी भी स्थान से जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन और भूकंप विज्ञान केंद्र स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी — सतर्क रहें, पर घबराएं नहीं
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र और इसके आस-पास के देश भूकंपीय जोन-4 और जोन-5 में आते हैं, जहां समय-समय पर हल्के झटके महसूस होते रहते हैं। हालांकि ये मध्यम तीव्रता के झटके हैं, लेकिन सतर्क रहना हमेशा जरूरी है। लोगों को अपने घरों की संरचना मजबूत रखने और आपातकालीन तैयारी रखने की सलाह दी गई है।
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