पूर्वी कामेंग जिले में सुबह महसूस हुए झटके, प्रशासन सतर्क
अरुणाचल प्रदेश में आया 3.5 तीव्रता का भूकंप, पूर्वी कामेंग में सुबह महसूस हुए झटके
इटानगर, 11 अक्टूबर। अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में शनिवार सुबह मध्यम तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, यह भूकंप सुबह 8 बजकर 31 मिनट 35 सेकंड पर आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से लगभग 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था, जिसका स्थान 27.52° उत्तर अक्षांश और 92.85° पूर्व देशांतर पर दर्ज किया गया।
प्रशासन ने रखी स्थिति पर नजर
भूकंप के झटके पूर्वी कामेंग जिले के कई इलाकों में हल्के रूप से महसूस किए गए। हालांकि, किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राहत एवं बचाव दल को सतर्क कर दिया गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
भूकंप संभावित क्षेत्र है उत्तर-पूर्व
उत्तर-पूर्वी भारत का इलाका भूकंप संभावित क्षेत्रों में से एक माना जाता है। यह क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र पाँच (Seismic Zone V) में आता है, जो देश का सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है। यहां समय-समय पर सामान्य से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं।
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड और मणिपुर जैसे राज्यों में भारतीय और यूरेशियन प्लेटों की टक्कर के कारण यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय रहता है।
विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
भूकंप विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे भूकंप सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें और झटके महसूस होने पर तुरंत खुले स्थानों में चले जाएं। साथ ही, भूकंप के दौरान भवनों के भीतर सुरक्षित स्थानों पर सिर को किसी मजबूत वस्तु से ढककर बचाव करने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे झटके भले ही नुकसानदेह न हों, लेकिन वे भूगर्भीय अस्थिरता का संकेत हो सकते हैं। इसलिए, सतर्कता और तैयारी बेहद आवश्यक है।
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स्थानीय लोगों ने महसूस किए हल्के झटके
पूर्वी कामेंग जिले के स्थानीय निवासियों ने बताया कि सुबह के समय हल्के झटके महसूस हुए थे, लेकिन उनकी अवधि बहुत कम थी। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर बताया कि घरों की खिड़कियां और दरवाजे कुछ क्षणों के लिए हिलते हुए महसूस हुए, जिससे लोगों में हल्की चिंता की स्थिति बनी।
हालांकि, कुछ ही मिनटों में स्थिति सामान्य हो गई और कहीं से भी किसी तरह की क्षति की खबर नहीं मिली।
भूकंप के प्रति जन-जागरूकता जरूरी
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के प्रति जन-जागरूकता अभियान को और मजबूत करने की आवश्यकता है। स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में भूकंप अभ्यास (ड्रिल) नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि आकस्मिक परिस्थितियों में लोग तुरंत सही कदम उठा सकें।
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