- आंध्र प्रदेश में 3.7 और कर्नाटक में 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज, लोग घरों से बाहर निकले, प्रशासन सतर्क
नई दिल्ली। देश के दक्षिणी हिस्से में मंगलवार सुबह धरती दो बार हिली। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भले ही दोनों घटनाओं में किसी के हताहत या नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन सुबह-सुबह लोगों में दहशत का माहौल बन गया। कई लोग घरों से बाहर निकल आए और खुली जगहों में खड़े दिखाई दिए।
आंध्र प्रदेश में तड़के 4:19 बजे हिला धरती
आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में मंगलवार सुबह 4:19 बजे 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। झटके विशाखापत्तनम जिले तक महसूस किए गए। आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) के अनुसार, भूकंप का केंद्र अल्लूरी सीताराम राजू जिले के 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इसका केंद्र अक्षांश 18.02° उत्तर और देशांतर 82.58° पूर्व पर दर्ज किया गया।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप हल्का था और इससे किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए जिसके बाद लोग एहतियातन घरों से बाहर निकल आए।
राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि “यह भूकंपीय गतिविधि सामान्य श्रेणी की थी और घबराने की कोई बात नहीं है। हमारी टीमें लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं।”
कर्नाटक के विजयपुरा में भी महसूस हुए झटके
इसी दिन सुबह लगभग 7:49 बजे, कर्नाटक के विजयपुरा जिले में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.9 मापी गई। यह झटका हल्का था, लेकिन स्थानीय लोगों ने जमीन में हल्की कंपन महसूस की।
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (KSNDMC) के अनुसार, भूकंप का केंद्र विजयपुरा तालुका के भूतनाल टांडा से 3.6 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित था। यह घटना सतह से 10 किलोमीटर की गहराई पर हुई।
केंद्र ने अपने विश्लेषण में बताया कि भूकंप का केंद्र इंगनाल गांव से 4.3 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, हंचिनाल गांव से 4.6 किमी उत्तर-पूर्व, और विजयपुरा शहर से लगभग 9.3 किमी उत्तर-उत्तर-पूर्व में था। यह इलाका अलमट्टी बांध भूकंपीय वेधशाला से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है।
राहत की बात — कोई नुकसान नहीं
दोनों राज्यों के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण किसी प्रकार की जनहानि या भवन क्षति की सूचना नहीं मिली है। KSNDMC ने कहा कि इतनी तीव्रता का भूकंप आमतौर पर 50 से 60 किलोमीटर की सीमा तक महसूस किया जा सकता है, लेकिन यह नुकसानदेह नहीं होता।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन के हेल्पलाइन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें।
विशेषज्ञों की राय
भूकंप वैज्ञानिकों के मुताबिक, दक्षिण भारत में इन दिनों माइक्रो सीस्मिक एक्टिविटी यानी सूक्ष्म भूकंपीय हलचलें दर्ज की जा रही हैं। यह सामान्य भू-वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो पृथ्वी की प्लेटों की हलचल के कारण होती है। विशेषज्ञों ने कहा कि इस स्तर के झटके किसी बड़ी आपदा का संकेत नहीं हैं, लेकिन लगातार निगरानी जरूरी है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि भूकंप के बाद प्रभावित क्षेत्रों में टीमों को सतर्क कर दिया गया है और किसी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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