- इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा के समर्थन में उतरी बीजेपी।
- बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी किया शर्मिष्ठा का समर्थन।
कोलकाता। पैगंबर मोहम्मद पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में कोलकाता पुलिस द्वारा कानून की छात्रा और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा गई है। इस मामले में भाजपा, फिल्म अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत, आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण और डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स सहित कई हस्तियों ने बंगाल सरकार की कड़ी आलोचना की है।
BJP ने उठाए दोहरे मापदंडों पर सवाल
भाजपा नेता और बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार “वोटबैंक तुष्टिकरण” की नीति पर चल रही है। उन्होंने याद दिलाया कि जब टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने देवी काली को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, या फिर मंत्री फिरहाद हकीम ने इस्लाम से बाहर जन्म को दुर्भाग्यपूर्ण कहा था, तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन शर्मिष्ठा को सिर्फ अपनी राय रखने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
कंगना रनौत ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने इस गिरफ्तारी को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि “शर्मिष्ठा ने कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया हो सकता है, लेकिन ऐसा तो आजकल कई युवा कर रहे हैं। क्या हर किसी को जेल में डाला जाएगा? बंगाल को दूसरा उत्तर कोरिया न बनाएं।”
पवन कल्याण और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी आईं सामने
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने राज्य पुलिस के दोहरे रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि जब सनातन धर्म का अपमान होता है, तब कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन एक हिंदू लड़की की राय पर त्वरित गिरफ्तारी हो जाती है। डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स, जो पहले भी इस्लाम पर विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चित रहे हैं, ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को “फ्री स्पीच का अपमान” बताया और प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी आई समर्थन में
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को “कानून की भावना के खिलाफ” बताया और उनकी तत्काल रिहाई और निष्पक्ष सुनवाई की मांग की। इस मुद्दे ने बंगाल में राजनीतिक और वैचारिक टकराव को और तेज कर दिया है। एक ओर जहां इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल बताया जा रहा है, वहीं राज्य सरकार का पक्ष अब तक सामने नहीं आया है।