दिव्या देशमुख और कोनेरु हंपी पहुंचीं शतरंज वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में, भारत ने रचा इतिहास
बटुमी (जॉर्जिया)। भारत की शतरंज प्रतिभाएं एक नया इतिहास रच रही हैं। FIDE वुमेंस वर्ल्ड कप 2025 में पहली बार दो भारतीय महिला खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल हुई हैं। रविवार को कोनेरु हंपी सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थीं, वहीं सोमवार को दिव्या देशमुख ने हरिका द्रोणावल्ली को हराकर इस उपलब्धि में अपना नाम भी दर्ज करा लिया।
टाई ब्रेक में दिव्या की शानदार जीत
क्वार्टर फाइनल में भारतीय दर्शकों को रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जहाँ दो भारतीय खिलाड़ी आमने-सामने थीं – दिव्या देशमुख और हरिका द्रोणावल्ली। दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, लेकिन टाई ब्रेक में दिव्या ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए दोनों बाजियाँ जीत लीं। इस जीत के साथ दिव्या ने पहली बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई। अब उनका अगला मुकाबला चीन की तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी तान झोंगयी से होगा।
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-1017.png)
कोनेरु हंपी ने पहले ही किया था सेमीफाइनल में प्रवेश
इससे एक दिन पहले ही कोनेरु हंपी ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर यह उपलब्धि हासिल की थी। वह वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अब उनके साथ दिव्या के पहुंचने से भारत के लिए यह टूर्नामेंट ऐतिहासिक बन गया है।
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-1016-1024x683.png)
पहली बार चार भारतीय महिलाएं क्वार्टर फाइनल में
FIDE वर्ल्ड कप 2025 का यह संस्करण भारतीय महिला शतरंज के लिए बेहद खास साबित हो रहा है। यह पहला मौका है जब चार भारतीय महिला खिलाड़ी – कोनेरु हंपी, हरिका द्रोणावल्ली, आर. वैशाली और दिव्या देशमुख – एक साथ क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं।
वैशाली का सफर क्वार्टर फाइनल में थमा
हालांकि आर. वैशाली को क्वार्टर फाइनल में चीन की मजबूत खिलाड़ी तान झोंगयी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वैशाली ने इससे पहले कजाकिस्तान की मेरुएर्त कमालिदेनोवा को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गईं।
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-1018.png)
भारतीय महिला शतरंज को नई ऊँचाइयों की ओर ले जा रही युवा पीढ़ी
दिव्या देशमुख की यह सफलता भारतीय महिला शतरंज में एक नई उम्मीद की तरह देखी जा रही है। युवा खिलाड़ियों की आक्रामक शैली और मानसिक दृढ़ता ने विश्व मंच पर भारत की उपस्थिति को और भी मजबूती दी है। कोनेरु हंपी जैसी अनुभवी खिलाड़ी के साथ-साथ दिव्या और वैशाली जैसी युवा प्रतिभाएं यह संकेत देती हैं कि भारत भविष्य में विश्व चैंपियनशिप की दौड़ में मजबूत दावेदार बन सकता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-1019.png)