- झारखंड और महाराष्ट्र में बिजली गिरने की घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो चुकी
नई दिल्ली । देश के कई हिस्से मौसम के प्रकोप से बेहाल हैं। एक तरफ बेंगलुरु मूसलाधार बारिश से जलमग्न हो गया है, वहीं झारखंड और महाराष्ट्र में बिजली गिरने की घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी ओर, उत्तर भारत के कई हिस्से भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील बताए हैं।
बेंगलुरु में 500 घर डूबे, 3 की मौत
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु सोमवार को तेज बारिश के बाद जलप्रलय जैसे हालात का सामना कर रही है। BTM लेआउट में एक अपार्टमेंट में पानी भरने के दौरान करंट लगने से 12 साल के एक बच्चे और 63 साल के बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं व्हाइटफील्ड इलाके में एक दीवार गिरने से 35 वर्षीय महिला की जान चली गई। शहर की कई मुख्य सड़कें पानी में डूबी हुई हैं और यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
झारखंड-महाराष्ट्र में बिजली गिरने से 7 मौतें
झारखंड में आकाशीय बिजली गिरने से 5 लोगों की मौत हुई है, वहीं महाराष्ट्र में दो लोगों की जान गई है। दोनों ही राज्यों में तेज़ बारिश और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई थी। बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, सिक्किम समेत कुल 13 राज्यों में आज भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
दिल्ली-राजस्थान में गर्मी से बेहाल लोग
उत्तर भारत में मौसम का रुख इसके उलट है। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और चंडीगढ़ में भीषण गर्मी और हीटवेव का प्रकोप जारी है। मध्य प्रदेश के खजुराहो में तापमान 46 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि उत्तर प्रदेश का बांदा 46.6 डिग्री के साथ देश में सबसे गर्म स्थान रहा। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में हीटवेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को दोपहर में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पकड़ी रफ्तार
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में सक्रिय हो गया है और अगले 2-3 दिनों में इसके और इलाकों में फैलने की संभावना है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। देश में मौसम का यह विपरीत व्यवहार – एक तरफ भारी बारिश और दूसरी तरफ प्रचंड गर्मी – आने वाले दिनों में कई राज्यों के लिए चुनौती बन सकता है।