डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी: कोर्ट ने केस दर्ज करने और जांच लखनऊ पुलिस को सौंपने का आदेश दिया

ग्रेटर नोएडा। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले ने अब कानूनी रूप ले लिया है। गौतमबुद्धनगर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम अदालत ने बीटा-2 थानाध्यक्ष को इस मामले में शून्य पर मुकदमा दर्ज करने और उसकी अनुपालन आख्या एक सप्ताह के भीतर अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। साथ ही, इस केस की जांच को लखनऊ के विभूति खंड थाना पुलिस को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि वहां पहले से ही इस मामले से संबंधित मुकदमा दर्ज है।

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क्या है पूरा मामला

26 जुलाई 2025 की सुबह एक टीवी चैनल पर मौलाना साजिद रसीदी, जिन्हें मुस्लिम स्कॉलर और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन का अध्यक्ष बताया जाता है, का वीडियो प्रसारित हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने सांसद डिंपल यादव को लेकर आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस बयान को लेकर तत्काल मौजूद लोगों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। अधिवक्ता और समाजवादी पार्टी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय सचिव रामशरण नागर ने अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर इस पर कार्रवाई की मांग की।

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अधिवक्ता की दलील

रामशरण नागर का कहना था कि मौलाना साजिद रसीदी द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी न केवल एक महिला सांसद का अपमान है, बल्कि इससे देशभर की करोड़ों महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंची है। ऐसे बयानों से समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैलने और शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है।

अदालत का आदेश

अदालत ने अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद स्पष्ट किया कि डिंपल यादव पर की गई अभद्र टिप्पणी गंभीर है और इससे जनमानस में असंतोष और असुरक्षा का भाव पैदा हो सकता है। इसलिए कोर्ट ने बीटा-2 थानाध्यक्ष को शून्य पर केस दर्ज कर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही विवेचना को लखनऊ के विभूति खंड थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है ताकि समानांतर जांच न हो और मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल पैदा कर दी है। समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस बयान को महिला विरोधी और असंवेदनशील बताते हुए कड़ी निंदा की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जब संसद में बैठने वाली महिला सांसद तक पर इस तरह की अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं, तो आम महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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क्यों है मामला अहम

डिंपल यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत महिला चेहरा मानी जाती हैं। उनके खिलाफ सार्वजनिक मंच से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत हमला माना जा रहा है, बल्कि इसे समाज में महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा से भी जोड़ा जा रहा है। अदालत का हस्तक्षेप यह संदेश देता है कि इस तरह की टिप्पणियां असहनीय हैं और इनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होना आवश्यक है।