: डीजीसीए ने इंडिगो को 1,700 पायलटों के प्रशिक्षण में गड़बड़ी पर कारण बताओ नोटिस भेजा
नई दिल्ली। देश के विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने निजी क्षेत्र की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एयरलाइन के लगभग 1,700 पायलटों के प्रशिक्षण में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों के आधार पर जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार, ये अनियमितताएं विशेष रूप से ‘सी’ श्रेणी के हवाई अड्डों के संचालन से जुड़े प्रशिक्षण में पाई गई हैं, जिनमें कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे संवेदनशील हवाई अड्डे शामिल हैं।
बिना मानक वाले सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण
डीजीसीए की जांच में खुलासा हुआ कि पायलटों का प्रशिक्षण ऐसे सिम्युलेटर पर कराया गया जो नियामक मानकों के अनुरूप प्रमाणित नहीं थे। यह प्रशिक्षण मुख्य पायलट (कैप्टन) और सहायक पायलट (फर्स्ट ऑफिसर) दोनों को दिया गया था। इन सिम्युलेटरों की तकनीकी और संचालन क्षमता उन संवेदनशील हवाई अड्डों की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं थी, जहां अतिरिक्त सावधानियों और विशिष्ट उड़ान कौशल की आवश्यकता होती है।

कालीकट हवाई अड्डे का उदाहरण लेते हुए सूत्रों ने बताया कि यहां टेबल टॉप रनवे है, जहां उड़ान के संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण और सुरक्षा मानकों की जरूरत होती है। ऐसे में, बिना प्रमाणित उपकरणों पर किया गया प्रशिक्षण सीधे तौर पर यात्रियों और परिचालन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

दस्तावेज़ों की जांच के बाद कार्रवाई
डीजीसीए ने यह कार्रवाई पिछले महीने इंडिगो द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों और जवाबों की गहन समीक्षा के बाद की। समीक्षा में पाया गया कि प्रशिक्षण प्रक्रिया में कई बिंदुओं पर मानकों का उल्लंघन हुआ है। विमानन नियामक ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए एयरलाइन से जवाब तलब किया है और यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों न इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
इंडिगो का जवाब
इंडिगो एयरलाइन ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमें अपने कुछ पायलटों के सिम्युलेटर प्रशिक्षण से संबंधित डीजीसीए का कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है। हम इस मामले की समीक्षा कर रहे हैं और नियत समयसीमा में अपना जवाब देंगे। इंडिगो हमेशा से अपने परिचालन में सुरक्षा और नियामकीय अनुपालन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रही है।”
विमानन सुरक्षा पर सवाल
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला विमानन सुरक्षा से जुड़े गंभीर प्रश्न उठाता है। संवेदनशील हवाई अड्डों के संचालन में जरा सी चूक भी बड़े हादसों में बदल सकती है, ऐसे में प्रशिक्षण का हर चरण प्रमाणित और मानकों के अनुरूप होना अनिवार्य है। पायलटों को बिना मानक वाले उपकरणों पर प्रशिक्षित करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की जान को खतरे में डालने के समान है।
आगे की कार्रवाई की संभावना
सूत्रों का मानना है कि यदि इंडिगो का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो डीजीसीए एयरलाइन पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसमें जुर्माना, प्रशिक्षण की पुनःप्रक्रिया और संबंधित पायलटों की उड़ान अनुमति पर रोक जैसी सख्त कार्रवाई शामिल हो सकती है।
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