July 5, 2025 1:26 AM

पुरी में भगदड़ के बाद भी उमड़ा आस्था का सैलाब, भगवान जगन्नाथ के दर्शन को जुटे हजारों श्रद्धालु

  • श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्री गुंडिचा मंदिर के पास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए

पुरी (ओडिशा) । रविवार को हुई भगदड़ की दुखद घटना के बावजूद सोमवार को आस्था का अद्वितीय दृश्य पुरी में देखने को मिला, जब हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन के लिए श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे। भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए।

श्री गुंडिचा मंदिर परिसर में सख्त निगरानी

पुलिस अधिकारी सौरेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि मंदिर के सामने बैरिकेडिंग लगाई गई है और दर्शन को नियंत्रित व सुगम बनाने के लिए अलग-अलग कतारें बनाई गई हैं। श्रद्धालु बिना किसी बाधा के दर्शन कर सकें, इसके लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। सोमवार रात ‘पहुड़ा’ (भगवान का विश्राम) नहीं हुआ, क्योंकि धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष कार्यक्रम था। मंगलवार सुबह 7:40 बजे ‘मंगल आरती’ में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान भगवान जगन्नाथ को 20 दिनों बाद पकाया गया ‘आदापा मंडप प्रसाद’ अर्पित किया गया, जिसकी मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है।

प्रशासन में बड़े बदलाव, मुख्यमंत्री ने ली जिम्मेदारी

रविवार को हुई भगदड़, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक घायल हुए, ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना के बाद उच्चस्तरीय प्रशासनिक बदलाव करते हुए पुरी के नए जिलाधिकारी चंचल राणा और पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा को तत्काल जिम्मेदारी सौंपी। दोनों अधिकारी रथयात्रा स्थल पर लगातार मौजूद रहकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घटना के लिए भगवान से क्षमा मांगते हुए श्रद्धालुओं को भरोसा दिलाया है कि रथ यात्रा का आगे का कार्यक्रम पूरी सुरक्षा और सावधानी के साथ संपन्न होगा।

रथ यात्रा का कार्यक्रम जारी

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा इस समय श्री गुंडिचा मंदिर में विराजमान हैं। पांच जुलाई तक यही उनका विश्राम स्थल रहेगा। इसके बाद ‘बहुड़ा यात्रा’ के माध्यम से वे वापस अपने मुख्य मंदिर लौटेंगे। इस दौरान ‘आदापा बीजे’, ‘बहुड़ा यात्रा’ और ‘सुनाबेशा’ जैसे भव्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। रथ यात्रा 27 जून को शुरू हुई थी और यह 8 जुलाई तक चलेगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु इस उत्सव में भाग लेने के लिए पुरी पहुंच रहे हैं।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram