- भारत के पिछले दो केंद्रीय बजटों ने सभी क्षेत्रों में एक स्पष्ट नीति और एजेंडे के साथ बदलाव का आधार तैयार किया
- 2047 तक भारत को विकसित बनाने की यात्रा केवल सपना नहीं है, बल्कि एक साझा मिशन है
नई दिल्ली/सैन फ्रांसिस्को। “2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना अब सिर्फ़ एक सपना नहीं, बल्कि एक साझा राष्ट्रीय मिशन है।” यह बातें भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक वैश्विक मंच पर कहीं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में बोलते हुए उन्होंने भारत की आर्थिक दिशा, सुधारों की नींव और वैश्विक नेतृत्व की महत्वाकांक्षा को मजबूती से प्रस्तुत किया।
‘बजट से बदले भारत के विकास की धारा’
सीतारमण ने कहा कि भारत के पिछले दो केंद्रीय बजटों ने बदलाव की स्पष्ट दिशा दी है। इन नीतिगत फैसलों ने न केवल आर्थिक संरचना को मजबूती दी बल्कि दीर्घकालिक विकास के लिए ठोस आधार भी तैयार किया। उन्होंने बताया कि 2017-18 से लेकर 2025-26 के बीच केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय चार गुना बढ़ा है—जो बुनियादी ढांचे और निवेशकों के विश्वास के लिहाज़ से बेहद अहम है।
20,000 से अधिक नियम बदले, सरकारी प्रक्रियाएं हुईं सरल
वित्त मंत्री ने कहा कि बीते दशक में केंद्र सरकार ने 20,000 से अधिक पुराने नियमों को खत्म किया है। व्यापार कानूनों से आपराधिक प्रावधान हटाए गए हैं और सरकारी सेवाएं अधिक डिजिटल और पारदर्शी बनाई गई हैं। “हमारी प्राथमिकता निवेश, नवाचार और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर है,” उन्होंने कहा।
‘विकास के लिए चाहिए नई सोच और वैश्विक समझ’
सीतारमण ने साफ कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए साहसिक सोच और वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल लचीली रणनीतियों की ज़रूरत है। “हमें वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलावों को समझते हुए दीर्घकालिक नीतियों पर टिके रहना होगा। चुनौतियां आएंगी, लेकिन वे अवसर भी लाती हैं,” उन्होंने जोड़ा।
प्रवासी भारतीयों का योगदान भी उल्लेखनीय
वित्त मंत्री ने इंडियास्पोरा और बीसीजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2018 से 2023 के बीच प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका में 72 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स खड़े किए, जिनका संयुक्त मूल्य करीब 195 अरब डॉलर है। इन कंपनियों ने लगभग 55,000 नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में 65% से अधिक अमेरिका से संचालित होते हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
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