जबलपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। राज्य के मंत्री विजय शाह के बाद अब डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। जबलपुर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान देवड़ा ने अपने संबोधन में भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा,
“देश की वो सेना, वो सैनिक… उनके चरणों में नतमस्तक है पूरा देश।”
हालांकि उनके इस बयान को कांग्रेस ने सेना के शौर्य के अपमान के रूप में लिया और तीखी प्रतिक्रिया दी।
कार्यक्रम में बोले डिप्टी सीएम- ‘प्रधानमंत्री और सेना को नमन’
डिप्टी सीएम देवड़ा सिविल डिफेंस वालंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए बेहद भावुक अंदाज़ में कहा कि पहलगाम हमले के बाद से उनके मन में गहरा क्रोध था। उन्होंने कहा,
“पर्यटक बनकर लोग गए थे, वहां महिलाओं को अलग खड़ा कर उनके सामने पतियों को मारा गया, बच्चों के सामने गोली मारी गई। उस दिन से मन में तनाव था।”
उन्होंने कहा कि जब तक आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वालों का नेस्तनाबूद नहीं होता, चैन की सांस नहीं लेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की सराहना करते हुए जोरदार तालियों के साथ उनका अभिनंदन करने की अपील भी की।
कांग्रेस ने बताया सेना का अपमान
कांग्रेस ने देवड़ा के ‘सेना के चरणों में देश नतमस्तक है’ जैसे शब्दों को आपत्तिजनक ठहराया। पार्टी नेताओं ने कहा कि इस तरह की भाषा सेना के गौरव और स्वतंत्र पहचान को कम करती है, और यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती।
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने सवाल उठाए कि क्या अब राजनीतिक नेतृत्व को सेना से ऊपर दिखाने की कोशिश हो रही है?
बीजेपी ने दी सफाई- कांग्रेस कर रही है बयान को तोड़-मरोड़
भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक चालबाजी का आरोप लगाया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि देवड़ा ने सेना की वीरता और प्रधानमंत्री की रणनीतिक दूरदर्शिता की सराहना की है, जिसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम ने दी सफाई- ‘सेना का सम्मान किया है, उसका अपमान नहीं’
बढ़ते विवाद के बीच जगदीश देवड़ा ने खुद सामने आकर बयान दिया कि उनके कथनों को मीडिया और विपक्ष गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
“मैंने सिर्फ यही कहा था कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में जो वीरता दिखाई, उसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है। देश की जनता सेना के चरणों में नतमस्तक है, उनका सम्मान करती है।”
उन्होंने कहा कि यह बयान पूरी तरह सम्मान और आभार के भाव से दिया गया था और इसे षड्यंत्रपूर्वक विवादास्पद बनाने की कोशिश हो रही है।
विजय शाह का पुराना बयान भी घसीटा गया
इस विवाद की आंच अभी ठंडी नहीं पड़ी थी कि मंत्री विजय शाह का बयान एक बार फिर चर्चा में आ गया। शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। शाह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई सोमवार को तय है।
निष्कर्ष नहीं, लेकिन सियासी बवंडर तय
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जहां देश में राष्ट्रवाद और वीरता का भाव चरम पर है, वहीं राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप इस भावना को प्रभावित कर रहे हैं। सेना पर बयानबाज़ी करना राजनीतिक दलों के लिए लगातार नुकसानदेह और संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है।
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