August 1, 2025 8:00 AM

दिल्ली-एनसीआर में बारिश बनी आफत: जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सोसाइटियों के बेसमेंट में डूबी गाड़ियां

  • दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद सहित एनसीआर के कई इलाकों को जलभराव की चपेट में ला दिया

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं दूसरी ओर जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। बीती रात से शुरू हुई लगातार बारिश ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद सहित एनसीआर के कई इलाकों को जलभराव की चपेट में ला दिया। कई गलियां झील जैसी नजर आईं, तो सड़कें तालाब बन गईं। स्थिति यह रही कि कॉलोनियों से लेकर बहुमंजिला इमारतों के बेसमेंट तक में पानी भर गया, जिससे लोगों की गाड़ियां डूब गईं और दैनिक जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया।

गलियों से लेकर अंडरपास तक बना जलजमाव का संकट

बारिश का सबसे बड़ा प्रभाव दिल्ली-एनसीआर के आवागमन पर पड़ा। कई इलाकों में पानी इतना भर गया कि छोटे वाहन तो क्या, भारी वाहन भी मुश्किल से गुजर सके। दिल्ली के रोहिणी, लक्ष्मी नगर, साकेत, कीर्ति नगर जैसे इलाकों में सड़कें पानी में डूबी रहीं। वहीं, नोएडा और गाजियाबाद के अंडरपास में झील जैसे हालात बन गए, जहां बाइक और कारें फंसी रहीं। सुबह के समय जब लोग अपने काम पर जाने के लिए निकले तो उन्हें जगह-जगह पानी में डूबी सड़कों से होकर गुजरना पड़ा। कई जगह जाम की स्थिति रही, जिससे दफ्तर जाने वाले लोगों को घंटों परेशानी उठानी पड़ी।

बेसमेंट में घुसा पानी, लाखों की गाड़ियां बर्बाद

नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पॉश सोसाइटियों में हालात सबसे खराब देखने को मिले। महागुण माईवुड्स, श्री राधा स्काई गार्डन, अजनारा होम्स, सुपरटेक इको विलेज, गैलेक्सी रॉयल जैसी कई हाईराइज़ सोसाइटियों के बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे वहां खड़ी दर्जनों गाड़ियां पानी में डूब गईं। सुबह जब लोग अपनी गाड़ियों को निकालने पहुंचे तो उन्हें कीचड़ और पानी में उतरकर मशक्कत करनी पड़ी। निवासियों ने बिल्डरों पर आरोप लगाए हैं कि “हर बार की तरह इस बार भी कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। हमने लाखों रुपए में फ्लैट लिए हैं लेकिन हर बारिश में यही परेशानी होती है।” गाड़ियों की सीटें, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और इंजन पानी में डूबकर खराब हो गए जिससे हजारों-लाखों का नुकसान हुआ है।

गाजियाबाद में घरों में घुसा पानी, जीवन अस्त-व्यस्त

गाजियाबाद में भी हालात कुछ अलग नहीं रहे। देर रात से हुई बारिश के कारण नेहरू नगर, अशोक नगर, राजेंद्र नगर और प्रताप विहार जैसे इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। कई कॉलोनियों में घरों के भीतर तक पानी घुस गया, जिससे लोगों की नींद भी उड़ गई और उनकी संपत्ति को भी नुकसान हुआ। कुछ अपार्टमेंट्स के बेसमेंट में भी पानी भरने से लोग अपने वाहनों को बचाने के लिए आधी रात को ही नीचे उतरने को मजबूर हो गए। पार्किंग में खड़े वाहन डूब गए और कई लोग पानी के बीच अपनी गाड़ियों को धक्का लगाते नजर आए।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान: अभी और बरसेगा पानी

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में यह स्थिति आगामी कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। विभाग ने 4 अगस्त तक रुक-रुक कर बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। साथ ही वज्रपात की घटनाओं की भी संभावना है। गुरुवार को सफदरजंग वेधशाला पर 15 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि तापमान सामान्य से नीचे रहा। विभाग ने यह भी बताया कि अगले कुछ दिन अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। लगातार नमी और बादलों की उपस्थिति के कारण उमस तो कम हो गई है, लेकिन जलभराव से निपटना नगर निगमों और विकास प्राधिकरणों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

प्रशासन और बिल्डरों की लापरवाही से नाराज लोग

बारिश से हुए नुकसान को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। एक ओर नगर निगमों और जल बोर्ड की तैयारियों की पोल खुल गई है, तो दूसरी ओर रिहायशी सोसाइटियों के बिल्डरों पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने का कोई स्पष्ट प्लान नहीं दिखा। निवासियों ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन इस समस्या पर स्थायी समाधान निकाले, ताकि हर बारिश में ऐसी दुर्दशा न हो। दिल्ली नगर निगम, नोएडा अथॉरिटी और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पर सवाल उठ रहे हैं कि इतने वर्षों बाद भी ड्रेनेज सिस्टम मजबूत क्यों नहीं हो पाया।

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