नई दिल्ली।
देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की स्थिति आगे भी बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस आदेश को कड़ाई से लागू करें, अन्यथा उन्हें अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
अदालत ने जताई सख्त नाराजगी
जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पटाखों की बिक्री, भंडारण और ऑनलाइन डिलीवरी पर भी सख्ती से रोक लागू की जाए। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश एक ऐसे समय आया है जब कई क्षेत्रों में त्योहारी मौसम से पहले पटाखों की बिक्री की तैयारी शुरू हो जाती है।
पर्यावरण कानूनों के पालन पर ज़ोर
अदालत ने तीनों राज्य सरकारों को यह भी आदेश दिया कि वे पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कानूनों को सख्ती से लागू करें और पटाखों पर प्रतिबंध के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक तंत्र तैयार करें, जिससे आदेश सिर्फ कागज़ों तक सीमित न रह जाए।
ग्रीन पटाखों पर भी संदेह
इससे पहले 3 अप्रैल 2025 को भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि जब तक यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण नहीं होता या बहुत कम होता है, तब तक प्रतिबंध में कोई ढील नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पहले ही गंभीर स्थिति में है, ऐसे में कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता।
क्यों है यह आदेश अहम
दिल्ली-एनसीआर हर साल दिवाली, शादी समारोहों और अन्य आयोजनों में अत्यधिक पटाखे जलाने की वजह से भारी प्रदूषण का सामना करता है। इस आदेश से उम्मीद है कि वायु गुणवत्ता सुधारने और सांस संबंधी बीमारियों से राहत दिलाने में मदद मिलेगी।
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