दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे हादसा: श्रद्धालुओं को ट्रक ने रौंदा, 5 की मौत, कई घायल
जयपुर/सवाई माधोपुर। सवाई माधोपुर जिले में शनिवार दोपहर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। भेड़ोली आश्रम से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं के जत्थे पर तेज रफ्तार ट्रक चढ़ गया, जिससे पांच श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक श्रद्धालु दर्शन के बाद अपने गांव लौट रहे थे और एक्सप्रेस-वे पर पैदल ही चल रहे थे। तभी पीछे से आ रहा एक बेकाबू ट्रक तेज रफ्तार में श्रद्धालुओं के ऊपर चढ़ गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ शव क्षत-विक्षत हालत में बिखर गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार और अफरातफरी मच गई।
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मृतक सभी एक ही गांव के
मृतकों की पहचान सवाई माधोपुर जिले के लालसोट क्षेत्र के चिमनपुरा गांव के रहने वाले लोगों के रूप में हुई है। एक ही गांव के पांच लोगों की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई
दुर्घटना की सूचना मिलते ही मित्रपुरा, बौंली और लालसोट थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर चालक की तलाश शुरू कर दी है।
हादसे के बाद हंगामा और लोगों का गुस्सा
स्थानीय ग्रामीणों ने इस हादसे के बाद गहरी नाराजगी जताई। लोगों ने कहा कि एक्सप्रेस-वे पर श्रद्धालुओं और आम ग्रामीणों के लिए सुरक्षित पैदल मार्ग और क्रॉसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। आए दिन तेज रफ्तार वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं, लेकिन प्रशासन और संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि यह लापरवाही आम लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर
हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने हालात को नियंत्रित करने के साथ ही ट्रैफिक को सुचारु कराया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी और सुरक्षा इंतजामों पर जल्द काम होगा।
लगातार बढ़ रहे हादसे, जिम्मेदारी कौन लेगा?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी कई बार तेज रफ्तार वाहनों के कारण गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे जैसे हाईवे पर पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित लेन, बैरिकेडिंग और क्रॉसिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं किया गया है। इससे हर बार आम जनता को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
शोक और सवाल
चिमनपुरा गांव के पांच लोगों की मौत ने पूरे जिले को गहरे शोक में डुबो दिया है। परिवारों का कहना है कि यह सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक तेज रफ्तार और अव्यवस्थित यातायात की वजह से निर्दोष लोगों की बलि चढ़ती रहेगी?
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