दिल्ली के जैतपुर में दीवार गिरने से 8 की मौत, रातभर की बारिश बनी वजह
दक्षिण-पूर्व दिल्ली के जैतपुर इलाके में शनिवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब रातभर हुई भारी बारिश के बीच एक पुरानी दीवार गिर गई। इस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। हादसे ने पूरे इलाके में शोक और दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
हादसा कैसे हुआ
स्थानीय लोगों के अनुसार घटना देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच हुई। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण एक पुराने मंदिर की दीवार, जो पहले से ही जर्जर हालत में थी, अचानक भरभराकर गिर गई। दीवार के पास बनी झुग्गियों में कबाड़ी समुदाय के लोग रहते थे। दीवार गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग नींद से जाग गए और बाहर भागे।
बचाव अभियान
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। अंधेरे और पानी से भरे इलाके में बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन राहत दल ने मलबा हटाने और फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किया। एडिशनल डीसीपी (साउथ ईस्ट) ऐश्वर्या शर्मा ने बताया कि यह मंदिर काफी पुराना है और उसके बगल में पुराने टिन-छप्पर वाले घर बने हुए थे। दीवार के गिरने से वहां सो रहे लोग मलबे में दब गए।

मृतकों और घायलों की पहचान
हादसे में जान गंवाने वालों में तीन पुरुष – शबीबुल (30), रबीबुल (30) और मुत्तू अली (45); दो महिलाएं – रूबीना (25) और डॉली (25); दो बच्चियां – रुखसाना (6) और हसीना (7); और एक बच्चा हाशिबुल शामिल हैं।
घटना में आठ लोग घायल हुए थे, जिनमें से पांच को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। यहां चार लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तीन अन्य को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां सभी की मौत हो गई। हाशिबुल की मौत सफदरजंग अस्पताल में हुई।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
दिल्ली में पिछले 24 घंटों में हुई लगातार बारिश से कई इलाकों में जलभराव और ढांचागत नुकसान हुआ है। जैतपुर इलाके में यह हादसा इस बात का उदाहरण है कि कैसे जर्जर और कमजोर इमारतें और दीवारें बारिश के दबाव को सहन नहीं कर पातीं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह दीवार कई सालों से खराब हालत में थी, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं कराई गई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस ने पूरे इलाके को घेराबंदी कर लिया और मलबा हटाने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि मंदिर की दीवार इतनी कमजोर कैसे हो गई और क्या इसे पहले ही गिरने से रोका जा सकता था। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पुराने और जर्जर निर्माण की पहचान कर तत्काल मरम्मत या ध्वस्तीकरण की मांग की है।
जैतपुर का यह हादसा न सिर्फ भारी बारिश से जुड़े खतरों की चेतावनी है, बल्कि प्रशासन और स्थानीय निकायों के लिए एक सबक भी है कि पुराने ढांचों की समय-समय पर जांच और मरम्मत कितनी जरूरी है। एक दीवार की लापरवाही ने आठ जिंदगियां छीन लीं और कई परिवारों को हमेशा के लिए शोक में डाल दिया।
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