दिल्ली हाईकोर्ट ने सेलेबी की याचिका खारिज की, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने तुर्किये की कार्गो हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को बड़ा झटका देते हुए उसकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा उसकी सिक्योरिटी क्लीयरेंस (सुरक्षा मंजूरी) रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन दत्ता की एकल पीठ में हुई। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार को निर्णय लेने की स्वतंत्रता और प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
क्या था मामला?
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, तुर्किये की एक प्रमुख ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी है, जो भारत के कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डों पर कार्गो व ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने कंपनी की सुरक्षा मंजूरी अचानक रद्द कर दी, जिसके चलते उसे भारत के कई एयरपोर्ट्स पर संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सेलेबी ने इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि यह निर्णय एकतरफा, अचानक और न्याय के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।

सेलेबी की दलीलें
याचिका में कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने कोर्ट के समक्ष कई प्रमुख बिंदु रखे:
- केंद्र सरकार ने एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स, 2023 के नियम 12 का उल्लंघन किया है, जिसमें स्पष्ट है कि किसी भी कंपनी की सुरक्षा मंजूरी निलंबित या रद्द करने से पहले नोटिस देना और पक्ष सुनना आवश्यक है।
- सेलेबी में कार्यरत सभी कर्मचारी भारतीय हैं। कंपनी की किसी गतिविधि से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
- यह निर्णय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है क्योंकि बिना सुनवाई के कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती।
केंद्र सरकार का पक्ष
वहीं, केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक हित में लिया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि जब भी देश की सुरक्षा का सवाल हो, तो सावधानीपूर्वक विवेक और गोपनीयता के साथ निर्णय लिया जाता है, और इसमें हस्तक्षेप से बचना चाहिए।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने 13 मई को इस याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सुनाया गया है। जस्टिस सचिन दत्ता ने अपने फैसले में कहा:
“जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला हो, तो न्यायालय सीमित दायरे में हस्तक्षेप कर सकता है। यदि सरकार को यह विश्वास हो कि किसी संस्था या ऑपरेटर की गतिविधियां सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, तो उसे आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि नागरिक विमानन महानिदेशक (DGCA) के पास यह अधिकार है कि वह सुरक्षा मंजूरी निलंबित या रद्द कर सकता है, बशर्ते उसे राष्ट्रीय सुरक्षा से खतरे की आशंका हो।
क्या होगा असर?
इस फैसले के बाद सेलेबी को भारत में अपने संचालन को लेकर गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कई एयरपोर्ट्स पर जहां कंपनी ग्राउंड हैंडलिंग का काम करती है, वहां संचालन में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
यह निर्णय अन्य विदेशी कंपनियों के लिए भी एक संदेश है कि यदि सुरक्षा मानकों या मंजूरी से जुड़ी प्रक्रियाओं में चूक होती है, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
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