नई दिल्ली। दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में वापसी कर रही है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भाजपा अब तक 5 सीटें जीत चुकी है और 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिससे उसका कुल आंकड़ा 48 सीटों तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) 6 सीटें जीत चुकी है और 16 सीटों पर आगे चल रही है, जिससे उसकी कुल सीटें 22 हो सकती हैं। कांग्रेस इस चुनाव में भी पूरी तरह हाशिए पर रही और उसे एक भी सीट नहीं मिली।
केजरीवाल और सिसोदिया हारे, आतिशी बनीं नई मुख्यमंत्री
दिल्ली के इस बड़े सियासी उलटफेर में सबसे बड़ा झटका पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लगा है। केजरीवाल अपनी पारंपरिक सीट ‘नई दिल्ली’ से चुनाव हार गए, वहीं सिसोदिया जंगपुरा सीट पर शिकस्त खा गए। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के अन्य दिग्गज नेता सत्येंद्र जैन भी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के लिए एकमात्र राहत की बात यह रही कि मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज कर ली है। शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन चुनावी नतीजों में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
दिल्ली भाजपा मुख्यालय में जश्न, मोदी करेंगे संबोधित
भाजपा की शानदार जीत के रुझानों के बाद दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में जश्न का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मना रहे हैं और मिठाइयां बांटी जा रही हैं। इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शाम 7 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
भाजपा नेताओं के मुताबिक, यह जीत प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और जनता के विश्वास का परिणाम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि दिल्ली की जनता ने बार-बार झूठे वादों से गुमराह करने वाली राजनीति को नकार दिया है।
प्रवेश वर्मा सबसे आगे, दिल्ली को नया मुख्यमंत्री जल्द मिलेगा
नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन प्रवेश वर्मा के साथ-साथ रमेश बिधूड़ी और दुष्यंत गौतम के नाम भी चर्चा में हैं।
AAP दफ्तर बंद, सचिवालय में सुरक्षा बढ़ाई गई
भारी हार के संकेत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के मुख्यालय को बंद कर दिया गया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा, जिससे वहां गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। यहां तक कि मीडिया कर्मियों को भी दफ्तर से बाहर कर दिया गया है।
इसके साथ ही, दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव, दस्तावेज या फाइल बिना अनुमति के सचिवालय से बाहर नहीं ले जाई जाए।
दिल्ली सचिवालय सील, काउंटिंग सेंटर पर झड़प
सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा को देखते हुए दिल्ली सचिवालय को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इस बीच, दिल्ली के महारानी बाग काउंटिंग सेंटर पर भाजपा और AAP के कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी और तीखी झड़प देखने को मिली। भाजपा समर्थक “मोदी-मोदी” और “आप का सफाया” के नारे लगा रहे थे, जबकि AAP समर्थक इस नतीजे को भाजपा की रणनीति का हिस्सा बता रहे थे। पुलिस की तैनाती के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया।
27 साल बाद भाजपा की दिल्ली में वापसी
दिल्ली में आखिरी बार 1993 में भाजपा ने सरकार बनाई थी। उस चुनाव में भाजपा ने 49 सीटें जीती थीं और उसके बाद मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 1998 से कांग्रेस और 2013 से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति पर कब्जा कर लिया था। अब 27 साल बाद भाजपा एक बार फिर दिल्ली में अपनी सरकार बनाने जा रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुए हैं। आम आदमी पार्टी, जो तीन बार सत्ता में रही, इस बार अपनी पकड़ खोती नजर आई। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेताओं की हार पार्टी के लिए तगड़ा झटका है। अब देखना होगा कि भाजपा की नई सरकार कौन सा चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में चुनती है और दिल्ली के विकास के लिए क्या कदम उठाती है।