
दिल्ली चुनाव से पहले AAP का BJP पर बड़ा आरोप, केजरीवाल को ACB का नोटिस
दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले राजधानी में सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनके 16 उम्मीदवारों को 15-15 करोड़ रुपये की पेशकश कर भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया है।
एसीबी की कार्रवाई और नोटिस जारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस आरोपों की जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार को ACB की एक टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची, लेकिन टीम को बिना किसी ठोस कार्रवाई के लौटना पड़ा। इस बीच, ACB ने केजरीवाल को एक आधिकारिक नोटिस भेजकर स्पष्ट किया कि जिन 16 प्रत्याशियों को भाजपा द्वारा पैसे की पेशकश की गई थी, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।
आप के लीगल हेड संजीव नासियार ने इस पूरी घटना को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “ACB की टीम पिछले डेढ़ घंटे से यहां बैठी थी, लेकिन उनके पास कोई आधिकारिक दस्तावेज, नोटिस या स्टैंप नहीं था। यह पूरी प्रक्रिया अनधिकृत और संदेहास्पद लगती है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
AAP के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। कालकाजी से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने कहा, “आम आदमी पार्टी को अपनी हार का अंदाजा हो चुका है, इसलिए वे इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं। चुनाव हारने के बाद ये लोग ईवीएम पर सवाल उठाएंगे और फिर साजिश का नया मुद्दा खड़ा करेंगे।”
भाजपा ने इस मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई। उपराज्यपाल ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
केजरीवाल के आरोप और भाजपा पर हमला
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “भाजपा जानती है कि वह चुनाव हार रही है, इसलिए वे हमारे उम्मीदवारों को खरीदने की कोशिश कर रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता बिकाऊ नहीं हैं। भाजपा के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत हैं और हम जनता के सामने सच्चाई लाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का यह रवैया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और चुनाव आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
क्या हो सकते हैं राजनीतिक निहितार्थ?
दिल्ली में AAP और BJP के बीच चुनावी टक्कर काफी कड़ी मानी जा रही है। ऐसे में इस तरह के आरोप मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
- AAP का मकसद: पार्टी यह दिखाना चाहती है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए अनैतिक तरीकों का सहारा ले रही है।
- BJP का पक्ष: भाजपा इसे AAP की हार की हताशा मान रही है और चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है।
दिल्ली चुनाव से पहले यह विवाद राजनीति को और गर्माने वाला है। ACB की जांच के नतीजे और आगे की कार्रवाई यह तय करेगी कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। आने वाले दिनों में इस मामले में और अधिक खुलासे हो सकते हैं, जिससे दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।