भव्य ड्रोन शो, रामायण थीम पर रोशनी से सजा कर्तव्य पथ, हजारों दीपों से झिलमिलाई राजधानी
कर्तव्य पथ पर पहली बार दीपावली उत्सव, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बोलीं – सांस्कृतिक चेतना की दिल्ली बनी धड़कन
नई दिल्ली। आजादी के बाद पहली बार देश की राजधानी दिल्ली ने इतिहास रच दिया। शनिवार को कर्तव्य पथ पर पहली बार भव्य दीपावली उत्सव (दीपोत्सव) का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर दिल्ली पहले कभी न देखे गए सांस्कृतिक वैभव से आलोकित हो उठी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह दीपोत्सव केवल दीपों का नहीं, बल्कि “नई सांस्कृतिक चेतना” और “आध्यात्मिक जागरण” का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “आज दिल्ली ने साबित कर दिया है कि यह केवल शासन की राजधानी नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म की धड़कन है।”
कर्तव्य पथ पर इतिहास, अयोध्या जैसी भव्यता
इस वर्ष राजधानी दिल्ली में पहली बार अयोध्या की तरह दीपोत्सव का आयोजन हुआ। भगवान श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों पर आधारित इस कार्यक्रम में 2100 से अधिक दीपों से कर्तव्य पथ को सजाया गया। दीपों की झिलमिलाहट और ड्रोन शो ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उनके साथ मंत्रीमंडल के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी और हजारों नागरिक मौजूद थे। कर्तव्य पथ पर इस आयोजन में “जय श्रीराम” के उद्घोष और भक्ति गीतों की गूंज ने वातावरण को पूरी तरह दिव्य बना दिया।
#WATCH | दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कर्तव्य पथ पर आयोजित रामायण थीम आधारित दीया प्रकाश समारोह में शामिल हुईं। pic.twitter.com/ggA7e4ZEcw
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस दीपोत्सव की सबसे विशेष आकर्षण रहा भव्य ड्रोन शो, जिसमें हजारों ड्रोन की मदद से आकाश में भगवान श्रीराम के जीवन चरित के प्रसंगों को दर्शाया गया। राम वनवास, रावण वध और अयोध्या आगमन जैसे दृश्य जब आसमान में उभरे, तो उपस्थित दर्शक भावविभोर हो उठे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन “भारत की परंपराओं और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम” है। उन्होंने कहा —
“हमारी संस्कृति समय के साथ आधुनिकता से जुड़कर और भी प्रभावशाली बनती जा रही है। रामायण के आदर्श अब केवल पुस्तकों में नहीं, बल्कि आकाश में सजीव हो उठे हैं।”
“दीपोत्सव केवल रोशनी नहीं, नई दिशा का प्रतीक”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दीपोत्सव का यह आयोजन दिल्ली के लिए नई दिशा लेकर आया है। उन्होंने कहा —
“यह केवल प्रकाश का पर्व नहीं, बल्कि आशा, सद्भाव और ऊर्जा का प्रतीक है। दिल्ली का हर घर अब दीपों की रोशनी से आलोकित है। इस बार की दिवाली हर वर्ग तक पहुंची है — बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है, महिलाओं को बचत का विश्वास है, युवाओं को नए अवसर मिले हैं और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी है।”
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से दिल्ली में समावेशी विकास हुआ है।
“हमारा संकल्प है कि प्रभु श्रीराम की कृपा से दिल्ली में रामराज्य की स्थापना हो — जहाँ हर नागरिक को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान मिले।”
शाम होते ही जैसे ही दीप जलाए गए, पूरा कर्तव्य पथ दिव्य आभा से नहा उठा। रामायण थीम पर तैयार की गई लाइट प्रोजेक्शन, भक्ति संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्ति से भर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“वर्षों बाद दिल्ली का हृदय इस तरह दीपों की आभा से जगमगा उठा है। यह न केवल रोशनी का पर्व है, बल्कि दिल्ली की नई ऊर्जा और आत्मा का प्रतीक है। यह आयोजन दिल्ली की पहचान को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से नए आयाम पर ले जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में कर्तव्य पथ का दीपोत्सव देश की सांस्कृतिक विरासत का स्थायी उत्सव बनेगा।
श्रद्धा और आधुनिकता का संगम
इस दीपोत्सव में दिल्ली के कलाकारों ने लोकनृत्य और भजन प्रस्तुत किए। भारतीय संस्कृति, योग और शास्त्रीय संगीत पर आधारित मंचीय कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया। हजारों दीपों की रोशनी में जब भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर ड्रोन से पुष्पवृष्टि हुई, तो उपस्थित जनसमूह “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा।
“दिल्ली बनेगी भारत की सांस्कृतिक राजधानी”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली केवल शासन की राजधानी नहीं रहेगी, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक राजधानी बनेगी। उन्होंने कहा कि “कर्तव्य पथ पर आयोजित दीपोत्सव भारत के शाश्वत मूल्यों, एकता और श्रद्धा का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा —
“यह आयोजन यह संदेश देता है कि भारत की परंपराएं और आधुनिकता एक साथ चल सकती हैं। यही भारत की ताकत है, यही हमारी पहचान है।”
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