दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय लिखते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता रेखा गुप्ता ने गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दोपहर 12:30 बजे शपथ ग्रहण किया। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा शासित 21 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल हुए। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं पूर्व मंत्री आतिशी इस समारोह में नहीं पहुंचे।
शपथ के कुछ घंटों बाद यमुना आरती
शपथ ग्रहण के छह घंटे बाद, रेखा गुप्ता ने अपने छह मंत्रियों के साथ यमुना घाट पर आरती की। इसे प्रतीकात्मक रूप से उनकी सरकार की प्राथमिकताओं से जोड़ा जा रहा है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में यमुना की सफाई एक प्रमुख मुद्दा रहा था। भाजपा ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में यमुना की सफाई को लेकर बड़े वादे किए थे। मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता की यह पहली आधिकारिक सार्वजनिक उपस्थिति थी, जो उनके प्रशासनिक एजेंडे की झलक देती है।
पहली कैबिनेट बैठक पर नजरें
यमुना आरती के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक बुलाने की तैयारी की। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा होगी और नई नीतियों की घोषणा की जाएगी।
रेखा गुप्ता: दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री और चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी ने दिल्ली की बागडोर संभाली थी।
रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग सीट से विधायक बनी हैं और उन्हें भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए चुना। उनके नेतृत्व में भाजपा दिल्ली में सत्ता में आई, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत हुई है।
भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि
दिल्ली में लंबे समय तक आम आदमी पार्टी (आप) का शासन रहा है, लेकिन इस बार भाजपा को जनता ने सत्ता सौंपी है। पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रदूषण, जल संकट, परिवहन सुधार और यमुना की सफाई जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था। रेखा गुप्ता की सरकार पर अब जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव रहेगा।
भविष्य की चुनौतियाँ
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री के रूप में कई चुनौतियों का सामना करना होगा। यमुना की सफाई, दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण, यातायात व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बदलाव जैसे मुद्दों पर उनकी सरकार का प्रदर्शन अहम रहेगा।
अब सभी की निगाहें उनकी पहली कैबिनेट बैठक और भविष्य की योजनाओं पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि नई सरकार राजधानी में विकास और प्रशासनिक सुधार के अपने वादों को कैसे पूरा करती है।