दिल्ली में रविवार शाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों की पहली बैठक शुरू हो गई। इस बैठक में भाजपा के शीर्ष नेता शामिल हुए, जिनमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा प्रमुख रूप से मौजूद रहे। बैठक में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन और भाजपा की बड़ी जीत
दिल्ली में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इसके साथ ही, पार्टी ने 26 साल बाद राजधानी में सत्ता में वापसी की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को 22 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकाम रही।
इस चुनावी नतीजे के बाद AAP की सरकार गिर गई और मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी।
मुख्यमंत्री के नाम पर जल्द होगा फैसला
भाजपा की इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हो रही है, लेकिन पार्टी ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका और फ्रांस दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
AAP नेताओं की बैठक, विपक्ष में रहने की तैयारी
दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद AAP नेताओं ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में एक बैठक की। इस दौरान केजरीवाल ने अपने विधायकों को जनता की सेवा करने और जिम्मेदारी से विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए कहा।
बैठक के बाद आतिशी ने बयान जारी किया,
“दिल्ली की जनता ने AAP के 22 विधायकों को चुना है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम जनता के लिए काम करें, उनकी समस्याओं का समाधान करें और भाजपा सरकार की जवाबदेही तय करें।”
भाजपा की सरकार बनने की औपचारिकता जल्द पूरी होगी
भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और जल्द ही नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा है, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद ही लिया जाएगा।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया जारी है। पार्टी की पहली विधायक बैठक में सरकार गठन को लेकर चर्चा हो रही है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी में जुट गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में किसे चुनती है और कब शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होता है।