मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में मंथन जारी, 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण की संभावना

नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए मंथन तेज हो गया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम को तय करने के लिए पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वर्स) की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में जिम्मेदारी दी जा सकती है।

शनिवार को भाजपा मुख्यालय में महासचिवों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इसके अलावा, शुक्रवार को राष्ट्रीय सचिव और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद 18 या 19 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी

बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई। साथ ही, दिल्ली में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख पर भी विचार किया गया। सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को हो सकता है

71% स्ट्राइक रेट के साथ भाजपा की ऐतिहासिक जीत, 48 सीटें जीतीं

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटें जीतीं। इसके साथ ही पार्टी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है।

भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में से एक प्रवेश वर्मा ने कहा कि पार्टी की सरकार विकास, साफ पानी की सप्लाई, स्वच्छ हवा और यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यमुना को स्वच्छ बनाने का जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा।

चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट 71% रहा, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 40 सीटों का नुकसान हुआ। आप का स्ट्राइक रेट 31% पर आ गया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की इस जीत ने कांग्रेस को पूरी तरह से हाशिए पर धकेल दिया। कांग्रेस लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा में एक भी सीट नहीं जीत पाई

9 फरवरी को हुई थी भाजपा विधायकों की पहली बैठक

भाजपा विधायकों की पहली बैठक 9 फरवरी को हुई थी। इस बैठक के बाद दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि बैठक में पानी, सीवेज और यमुना जल की सफाई पर चर्चा की गई

बैठक के बाद प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा ने अलग-अलग जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की थी।

भाजपा के लिए अगली चुनौती: सरकार गठन और मुख्यमंत्री का चयन

अब भाजपा के सामने मुख्यमंत्री पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय करने की चुनौती है। पार्टी नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जो भी मुख्यमंत्री बने, वह संगठन को मजबूत बनाए रखते हुए पार्टी के चुनावी वादों को पूरा करने में सक्षम हो।

दिल्ली में भाजपा की जीत के बाद अब सबकी निगाहें 18-19 फरवरी की विधायक दल की बैठक और 19-20 फरवरी को संभावित शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं