कोर इलाके में घुसी फोर्स, बड़े कैडर्स को घेरा; नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट से जवान घायल
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर बॉर्डर पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं, जबकि डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) का एक जवान वीरगति को प्राप्त हो गया। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कोर इलाके में घुसकर बड़े कैडर्स को घेर लिया है और दोनों ओर से भारी गोलीबारी जारी है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है, हालांकि अभी आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए हैं।
संयुक्त ऑपरेशन के तहत नक्सलियों के गढ़ में घुसी फोर्स
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि बीजापुर जिले के गंगालूर इलाके में बड़ी संख्या में नक्सली जमा हैं। इस सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा और बीजापुर पुलिस ने मिलकर संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। बुधवार को ही जवानों ने एंड्री इलाके को चारों ओर से घेर लिया था।
गुरुवार सुबह से ही सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच आमना-सामना हो गया और मुठभेड़ शुरू हो गई। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) जितेंद्र यादव ने बताया कि मुठभेड़ अभी जारी है और इसके समाप्त होने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।
इसी दौरान नारायणपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर स्थित थुलथुली इलाके में एक आईईडी ब्लास्ट हुआ, जिसमें एक जवान घायल हो गया। घायल जवान को तुरंत घटनास्थल से बाहर निकाला जा रहा है और वहां भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर पहले भी हुआ था बड़ा ऑपरेशन
इससे पहले, एक महीने पहले छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन में 1000 से अधिक जवानों की टीम शामिल थी। मुठभेड़ बीजापुर के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में हुई थी, जहां डीआरजी और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के जवानों ने मिलकर नक्सलियों के गढ़ पर धावा बोला था।
इस मुठभेड़ में डीआरजी और एसटीएफ के एक-एक जवान शहीद हो गए थे, जबकि दो अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया था, जहां इलाज के बाद उनकी स्थिति स्थिर बताई गई।
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से बैकफुट पर नक्सली
पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं। हाल ही में सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में कई सफल ऑपरेशन हुए हैं, जिनमें दर्जनों नक्सली मारे गए हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन लगातार अभियानों की वजह से नक्सली बैकफुट पर हैं और उनके प्रभाव वाले इलाकों में पुलिस का दबदबा बढ़ रहा है। हालांकि, माओवादी संगठन अभी भी छत्तीसगढ़ के कुछ घने जंगलों में सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों पर हमले की ताक में रहते हैं।
आगे की रणनीति
बीजापुर और दंतेवाड़ा में चल रहे इस ऑपरेशन के बाद सुरक्षा एजेंसियां अब इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाने की योजना बना रही हैं। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ के बाद जंगलों में छिपे नक्सलियों की तलाश के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजी जा सकती है।
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