सीएम मोहन यादव ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश- प्रयागराज से गिरफ्तार हुआ आरोपी, कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
भोपाल/दमोह।
दमोह के मिशनरी अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर द्वारा इलाज के नाम पर किए गए अवैध ऑपरेशनों के चलते अब तक सात मरीजों की मौत हो चुकी है। इस गंभीर मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को तत्काल और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसे फर्जी डॉक्टरों की गतिविधियाँ पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।
फर्जी डॉक्टर बना “विदेशी विशेषज्ञ”, 2006 से चल रही थी ठगी
दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में इलाज के नाम पर चल रही फर्जीवाड़े की पोल उस वक्त खुली जब एक स्थानीय निवासी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया। शिकायत में बताया गया कि एक व्यक्ति खुद को ब्रिटेन के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ ‘डॉ. एन जॉन कैम’ बताकर वर्षों से मरीजों की सर्जरी कर रहा था।
जांच में सामने आया कि आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट पर ‘डॉ. कैम’ के नाम का कोई पंजीकरण मौजूद नहीं है, जिससे पहली नजर में ही मामला संदिग्ध पाया गया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और आरोपी को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया।
असली नाम निकला नरेंद्र विक्रमादित्य यादव
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को विदेशी शिक्षित डॉक्टर साबित किया था। इससे पहले भी वह वर्ष 2006 में बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में सर्जरी कर चुका है, जिनमें एक ऑपरेशन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का भी था।
गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं:
- धारा 315(4): बेईमानी से गबन
- धारा 338: जालसाजी
- धारा 336(3): धोखाधड़ी के इरादे से दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को बनाना या बदलना
- धारा 340(2): जाली दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड
- धारा 3(5): संयुक्त आपराधिक दायित्व
मुख्यमंत्री ने लिया सीधा संज्ञान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा,
“हमें घटना की पूरी जानकारी है। हमारी सरकार पूरी गंभीरता से इस पर कार्रवाई कर रही है। मैंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि जांच तत्काल शुरू की जाए और यदि कोई और संस्थान या व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में है।
राजनीतिक आरोपों पर सीएम का जवाब
विपक्ष की ओर से लगाए गए भाजपा से कथित संबंध और घृणास्पद गतिविधियों के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई कर रही है, और राजनीतिक आरोपों से ऊपर उठकर इस मामले की सच्चाई सामने लाई जाएगी।
यह मामला न केवल स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे फर्जी पहचान और सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिए आम लोगों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
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