साइक्लोन शक्ति से महाराष्ट्र-गुजरात में अलर्ट, ओडिशा-आंध्र में भारी तबाही, राजस्थान में भी बारिश
मुंबई/नई दिल्ली, 4 अक्टूबर।
अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान ‘साइक्लोन शक्ति’ ने महाराष्ट्र, गुजरात और पड़ोसी राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि यह मानसून के बाद का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान है, जिसे श्रीलंका ने “शक्ति” नाम दिया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र में 3 से 7 अक्टूबर तक अलर्ट जारी किया है और समुद्र तटवर्ती इलाकों में विशेष सावधानी बरतने को कहा है।
महाराष्ट्र के तटीय जिलों पर सबसे ज्यादा असर
साइक्लोन शक्ति का असर महाराष्ट्र के तटीय जिलों मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में सबसे ज्यादा दिखने वाला है। यहां हवाओं की रफ्तार 45 से 55 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका जताई गई है, जो कभी-कभी 65 किमी प्रति घंटा से भी अधिक हो सकती है। इसके साथ ही समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि 5 अक्टूबर तक समुद्र की स्थिति अत्यंत खराब रहेगी।

गुजरात और पाकिस्तान के तटों पर भी बढ़ा खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार रात 9:30 बजे तक चक्रवात का केंद्र द्वारका से लगभग 300 किलोमीटर पश्चिम, कराची (पाकिस्तान) से 330 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 360 किलोमीटर पश्चिम में स्थित था। साइक्लोन वर्तमान में लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि शनिवार तक यह तूफान और भी तीव्र होकर भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। इसका असर पाकिस्तान के तटीय इलाकों पर भी पड़ने की आशंका है।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही
जहां एक ओर अरब सागर में साइक्लोन शक्ति का असर दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही मचाई है।
- आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को बारिश से जुड़ी तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई।
- ओडिशा के गजपति जिले में हुए लैंडस्लाइड के कारण दो लोगों की जान गई और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

रविवार तक समुद्र की स्थिति खराब रहेगी
IMD ने कहा है कि रविवार तक गुजरात-उत्तरी महाराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों पर समुद्र की स्थिति बेहद खराब बनी रहेगी। हालांकि, 6 अक्टूबर की सुबह से तूफान के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है। इसके बावजूद, मछुआरों को 7 अक्टूबर तक अरब सागर में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने जारी किए निर्देश
महाराष्ट्र सरकार ने अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन को डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम एक्टिव करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्लानिंग बनाई जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों को एडवाइजरी जारी कर चेतावनी दी है कि वे अनावश्यक रूप से समुद्र तट पर न जाएं और सावधानी बरतें।
मौसम विभाग ने विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। उत्तरी कोंकण के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनने की संभावना है।

राजस्थान में भी बारिश का अलर्ट
साइक्लोन शक्ति और बंगाल की खाड़ी के दबाव का असर राजस्थान तक भी पहुंचा है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान के 18 जिलों में शनिवार को बारिश होगी। वहीं, 5 और 6 अक्टूबर को पूरे राज्य में आंधी-बिजली के साथ बरसात होने की संभावना है।
निष्कर्ष के बिना स्थिति स्पष्ट
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे ये दोहरे मौसमीय संकट इस समय भारत के कई राज्यों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाके, ओडिशा-आंध्र प्रदेश के प्रभावित जिले और राजस्थान के आंतरिक क्षेत्र – सभी जगह प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शनिवार को साइक्लोन शक्ति किस तीव्रता के साथ आगे बढ़ता है और कितना नुकसान पहुंचाता है।
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महाराष्ट्र और गुजरात में साइक्लोन शक्ति का खतरा, कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
मुंबई/नई दिल्ली, 4 अक्टूबर।
अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान ‘साइक्लोन शक्ति’ ने महाराष्ट्र, गुजरात और पड़ोसी राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि यह मानसून के बाद का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान है, जिसे श्रीलंका ने “शक्ति” नाम दिया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र में 3 से 7 अक्टूबर तक अलर्ट जारी किया है और समुद्र तटवर्ती इलाकों में विशेष सावधानी बरतने को कहा है।
महाराष्ट्र के तटीय जिलों पर सबसे ज्यादा असर
साइक्लोन शक्ति का असर महाराष्ट्र के तटीय जिलों मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में सबसे ज्यादा दिखने वाला है। यहां हवाओं की रफ्तार 45 से 55 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका जताई गई है, जो कभी-कभी 65 किमी प्रति घंटा से भी अधिक हो सकती है। इसके साथ ही समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि 5 अक्टूबर तक समुद्र की स्थिति अत्यंत खराब रहेगी।
गुजरात और पाकिस्तान के तटों पर भी बढ़ा खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार रात 9:30 बजे तक चक्रवात का केंद्र द्वारका से लगभग 300 किलोमीटर पश्चिम, कराची (पाकिस्तान) से 330 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 360 किलोमीटर पश्चिम में स्थित था। साइक्लोन वर्तमान में लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि शनिवार तक यह तूफान और भी तीव्र होकर भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। इसका असर पाकिस्तान के तटीय इलाकों पर भी पड़ने की आशंका है।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही
जहां एक ओर अरब सागर में साइक्लोन शक्ति का असर दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही मचाई है।
- आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को बारिश से जुड़ी तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई।
- ओडिशा के गजपति जिले में हुए लैंडस्लाइड के कारण दो लोगों की जान गई और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
रविवार तक समुद्र की स्थिति खराब रहेगी
IMD ने कहा है कि रविवार तक गुजरात-उत्तरी महाराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों पर समुद्र की स्थिति बेहद खराब बनी रहेगी। हालांकि, 6 अक्टूबर की सुबह से तूफान के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है। इसके बावजूद, मछुआरों को 7 अक्टूबर तक अरब सागर में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने जारी किए निर्देश
महाराष्ट्र सरकार ने अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन को डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम एक्टिव करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्लानिंग बनाई जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों को एडवाइजरी जारी कर चेतावनी दी है कि वे अनावश्यक रूप से समुद्र तट पर न जाएं और सावधानी बरतें।
मौसम विभाग ने विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। उत्तरी कोंकण के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनने की संभावना है।
राजस्थान में भी बारिश का अलर्ट
साइक्लोन शक्ति और बंगाल की खाड़ी के दबाव का असर राजस्थान तक भी पहुंचा है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान के 18 जिलों में शनिवार को बारिश होगी। वहीं, 5 और 6 अक्टूबर को पूरे राज्य में आंधी-बिजली के साथ बरसात होने की संभावना है।
निष्कर्ष के बिना स्थिति स्पष्ट
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे ये दोहरे मौसमीय संकट इस समय भारत के कई राज्यों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाके, ओडिशा-आंध्र प्रदेश के प्रभावित जिले और राजस्थान के आंतरिक क्षेत्र – सभी जगह प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शनिवार को साइक्लोन शक्ति किस तीव्रता के साथ आगे बढ़ता है और कितना नुकसान पहुंचाता है।
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