- तीन देशों में मचा विनाश, 295 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने उड़ा दीं छतें, ढहा दिए मकान; क्यूबा में आर्थिक संकट और गहरा सकता है
सैंटियागो डी क्यूबा। अटलांटिक महासागर के इतिहास के सबसे ताकतवर तूफानों में शुमार ‘मेलिसा’ ने क्यूबा, जमैका और हैती में भारी तबाही मचाई है। तूफान की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक क्यूबा में 30 लोगों की मौत, हैती में 20 लोगों की जान (जिनमें 10 बच्चे शामिल हैं) जा चुकी है, जबकि जमैका में 25,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। यह तूफान मंगलवार को जमैका के तटीय क्षेत्र पर श्रेणी-5 के सुपर चक्रवात के रूप में टकराया था। इसकी हवाओं की रफ्तार 295 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई थी, जिसने पूरे कैरेबियाई क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया।
जमैका में 25 हजार लोग बेघर, 77% इलाकों में बिजली ठप
जमैका के सेंट एलिजाबेथ जिले में तूफान मेलिसा के कारण हालात सबसे भयावह रहे। भूस्खलन, बाढ़ और तेज हवाओं से पूरे इलाके का जनजीवन ठप हो गया है। हजारों घरों की छतें उड़ गईं, पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिर पड़े, और बिजली के खंभे टूटकर गिरने से 77 फीसदी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप है। जमैका की शिक्षा मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने बताया कि हालात इतने भयावह हैं कि कई राहत केंद्र खुद भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। सांता क्रूज इलाके में एक हाई स्कूल की छत उड़ गई, जिसका इस्तेमाल राहत शिविर के रूप में किया जा रहा था। प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने कहा, “यह तूफान हमारे लिए अभूतपूर्व त्रासदी लेकर आया है। पुनर्निर्माण में लंबा समय लगेगा, लेकिन सरकार सक्रिय है और राहत सामग्री लगातार भेजी जा रही है।” जमैका के आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक रिचर्ड थॉम्पसन ने बताया कि कई क्षेत्रों में संचार नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे नुकसान का आकलन करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 25 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में रखा है और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने का कार्य जारी है।
हैती में 10 बच्चों समेत 20 की मौत, सैकड़ों घर तबाह
हैती के पेटिट-गोआव कस्बे में तूफान ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया। यहाँ 160 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा और 80 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए। 10 बच्चों समेत 20 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। स्थानीय निवासी चार्ली सेंट-विल (30) ने बताया कि, “पूरा कस्बा मलबे में तब्दील हो गया है। सड़कों पर शव बिखरे पड़े हैं, लोग अपने लापता बच्चों की तलाश में रो रहे हैं। यहां अब पीने के पानी, भोजन और दवाओं की भारी कमी है।” राजनीतिक अस्थिरता और प्रशासनिक ढिलाई ने संकट को और बढ़ा दिया है। राहत टीमें सीमित साधनों के साथ कार्य कर रही हैं। सेंट-विल ने बताया कि उन्होंने अपने घर में कई बेघर पड़ोसियों को शरण दी है और कहा, “हम सब एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, लेकिन स्थिति बेहद विकट है।”
क्यूबा में 30 लोगों की मौत, अस्पताल और घरों को भारी नुकसान
तूफान मेलिसा जब क्यूबा के सैंटियागो डी क्यूबा प्रांत में पहुंचा, तब उसकी रफ्तार कुछ कम थी, लेकिन नुकसान उतना ही भयावह रहा। यहां 30 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। स्थानीय मछुआरे एलेक्सिस रामोस (54) ने बताया, “हमने अपनी जान बचा ली, लेकिन घर तबाह हो गए। अब इन्हें दोबारा बनाना बहुत मुश्किल होगा।” स्थानीय मीडिया के अनुसार, जुआन ब्रूनो जायस अस्पताल को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है। अस्पताल की दीवारें और खिड़कियां टूट गईं, जबकि कई वार्डों में मरीजों को बाहर निकालना पड़ा। बिजली और पानी की आपूर्ति अब तक बाधित है। क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डियास-कानेल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और पुनर्निर्माण है। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, हम पुनः निर्माण शुरू करेंगे। हम तैयार हैं।”
तूफान से क्यूबा का आर्थिक संकट और गहरा सकता है
विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान मेलिसा का असर क्यूबा की पहले से डगमगाई अर्थव्यवस्था पर गहरा पड़ेगा। देश पहले से ही ईंधन, खाद्य और बिजली संकट से जूझ रहा है। अब जब हजारों घर, अस्पताल और सड़कें नष्ट हो गई हैं, तो पुनर्निर्माण का दबाव सरकार पर बढ़ गया है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि क्यूबा को इस तूफान से हुए नुकसान की भरपाई में अरबों डॉलर का खर्च उठाना पड़ेगा, जबकि देश की अर्थव्यवस्था पहले से मंदी की स्थिति में है।
विशेषज्ञ बोले — “मेलिसा सदी का सबसे घातक तूफान”
मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि ‘मेलिसा’ पिछले एक सदी में कैरेबियाई क्षेत्र से टकराने वाले सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक है। 295 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने इसे ‘कैटेगरी-5 सुपर साइक्लोन’ बना दिया था। विश्व मौसम संगठन (WMO) के मुताबिक, मेलिसा ने अटलांटिक बेसिन में दर्ज सभी तूफानों में तीसरी सबसे तेज हवा की गति दर्ज की है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते समुद्री तापमान के कारण भविष्य में ऐसे सुपर तूफानों की आवृत्ति और ताकत दोनों बढ़ सकती हैं।





