आंध्र प्रदेश में चक्रवात का खतरा: अगले 24 घंटे भारी बारिश का अलर्ट, तटीय जिलों में येलो अलर्ट जारी

आंध्र प्रदेश में एक बार फिर चक्रवाती मौसम ने दस्तक दे दी है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण पूरे राज्य में अगले 24 घंटे के भीतर चक्रवात बनने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी करते हुए आंध्र प्रदेश के अधिकांश तटीय और रायलसीमा क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना बताई है। साथ ही पूरे राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र से बढ़ा खतरा

आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम भाग में बना यह निम्न दबाव क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके अगले 24 घंटे के भीतर चक्रवातीय तूफान में बदलने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिणी तट और रायलसीमा के कई जिलों में तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के आसार हैं।

मौसम विभाग ने चेताया है कि आने वाले तीन दिनों तक राज्य के पूर्वी गोदावरी, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा, कृष्णा, गुंटूर, प्रकाशम, नेल्लोर, तिरुपति और चित्तूर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

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तटीय जिलों में अलर्ट, मछुआरों को समुद्र में जाने से मना

मौसम विभाग ने मछुआरों को विशेष चेतावनी जारी की है कि वे समुद्र में न जाएँ। बंगाल की खाड़ी में ऊँची लहरों और तेज हवाओं की संभावना है। तटीय जिलों में प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र राहत दलों को अलर्ट पर रखा है। कई इलाकों में पहले से ही निचले हिस्सों में जलभराव की स्थिति बनने लगी है।

लगातार बारिश से नेल्लोर और तिरुपति में बिगड़े हालात

पिछले तीन दिनों से नेल्लोर जिले में लगातार हो रही बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। नाले और नहरें उफान पर हैं, जिससे सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात बाधित हो रहा है। कंदुकुर, कावली, कोवूर और नेल्लोर शहर के कई हिस्सों में जलभराव की समस्या गहराती जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने जलनिकासी की व्यवस्था शुरू कर दी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है।

तिरुपति में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। भारी बारिश के कारण श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर परिसर में पानी भर गया है। मंदिर परिसर के अलावा आकाश गंगा और पापविनासनम जैसे पवित्र स्थलों तक पहुँचने वाले मार्गों पर कीचड़ और फिसलन की स्थिति बन गई है। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ घाट मार्गों पर यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।

23 अक्टूबर को और तेज होगी बारिश, कई जिलों में रेड अलर्ट की संभावना

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, 23 अक्टूबर को कोनसीमा, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा, बापटला, प्रकाशम, नेल्लोर और तिरुपति जिलों में सबसे ज्यादा बारिश होने की संभावना है। इन जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी गई है और प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील जिलों में तैनात की जा रही हैं। बिजली विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थिति में बिजली आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए विशेष दल तैयार रखें।

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श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह

मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में तिरुमाला, नेल्लोर, कडप्पा और काकीनाडा के इलाकों में भारी बारिश की संभावना है, इसलिए श्रद्धालु और पर्यटक यात्रा योजनाएँ फिलहाल स्थगित करें। घाट मार्गों पर भूस्खलन की आशंका को देखते हुए तिरुमाला प्रशासन ने यात्रियों को केवल सुरक्षित मार्गों से यात्रा करने की सलाह दी है।

एक सप्ताह तक जारी रहेगा बारिश का दौर

आईएमडी ने स्पष्ट किया है कि आंध्र प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश का स्वरूप हल्का होगा, जबकि तटीय इलाकों और रायलसीमा के कुछ जिलों में अगले तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि चक्रवात के और प्रबल होने पर यह उत्तर तमिलनाडु तथा ओडिशा के तटीय इलाकों को भी प्रभावित कर सकता है।

आंध्र प्रदेश के लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग के अपडेट्स पर ध्यान दें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।