जम्मू। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान मुनीर अहमद खान को ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया गया है। वजह है—उन्होंने पाकिस्तान की नागरिक मीनल खान से गुपचुप शादी की, और उसे भारत में अवैध रूप से शरण दी। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के कान खड़े कर दिए हैं, खासकर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जब केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा स्थगित करने का निर्णय लिया था।
क्या हैं आरोप?
CRPF की 41वीं बटालियन में तैनात मुनीर अहमद पर नियमों के उल्लंघन, जानकारी छिपाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
CRPF की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जवान ने न सिर्फ विभाग को अपनी शादी की जानकारी नहीं दी, बल्कि एक विदेशी नागरिक को भारत में वीजा वैधता के खिलाफ शरण दी। यह सीधे तौर पर सर्विस कंडक्ट रूल्स और नेशनल सिक्योरिटी के मापदंडों का उल्लंघन है।
कैसे हुआ रिश्ता?
मीनल खान और मुनीर अहमद की मुलाकात ऑनलाइन हुई और फिर मई 2024 में दोनों ने डिजिटल माध्यम से शादी कर ली। मीनल मार्च 2025 में शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आई थी। उसका लॉन्ग टर्म वीजा अभी गृह मंत्रालय के पास लंबित है।
मुनीर का परिवार जम्मू-कश्मीर के भलवाल तहसील के पास स्थित हंदवाल गांव का रहने वाला है। शादी के बाद मीनल भी वहीं रहने लगी थीं।
मीनल को डिपोर्ट करने का आदेश, फिर कोर्ट से राहत
22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा सस्पेंड कर दिए थे, जिसमें मीनल का वीजा भी शामिल था।
उसे 30 अप्रैल को अटारी बॉर्डर पर ले जाकर पाकिस्तान वापस भेजने की तैयारी हो चुकी थी। लेकिन अंतिम क्षणों में बीजेपी नेता और वकील की दखलअंदाजी से उसे राहत मिली। उन्होंने जम्मू की भलवाल कोर्ट में याचिका दायर की और डिपोर्ट प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगवाई।
मीनल का दर्द: “मैं निर्दोष हूं, इंसाफ चाहिए”
डिपोर्ट के लिए ले जाते समय मीनल खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था—
“हम आतंकवाद की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष लोगों को सजा देना कहां का न्याय है?”
उसने दावा किया कि उसने समय पर वीजा एक्सटेंशन के लिए आवेदन किया था और भरोसा दिलाया गया था कि वीजा मिल जाएगा।
मीनल ने कहा—
“हम पति-पत्नी को जबरन अलग किया जा रहा है, बच्चों को उनके मां-बाप से अलग किया जा रहा है। यह अमानवीय है। प्रधानमंत्री मोदी से मेरी अपील है कि हमें न्याय दें। आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों को सजा देना ठीक नहीं है।”

राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बनता जा रहा मामला
यह मामला अब केवल एक अंतरराष्ट्रीय विवाह या मानवीय संवेदना तक सीमित नहीं है। CRPF जवान द्वारा पाकिस्तानी महिला को अवैध रूप से संरक्षण देना, और वीजा नियमों की अनदेखी, सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का बड़ा कारण बन गया है।
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सेवाओं में कार्यरत कर्मियों को विवाह या विदेशी संपर्कों की जानकारी छिपाना, एक संवेदनशील खतरा बन सकता है, और इसी के मद्देनज़र मुनीर अहमद को सेवा से अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत बर्खास्त किया गया है।
आगे क्या?
फिलहाल मीनल के मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी है। गृह मंत्रालय की ओर से लॉन्ग टर्म वीजा की फाइल अभी भी विचाराधीन है। वहीं CRPF जवान की बर्खास्तगी के बाद यह मामला अब कानूनी और राजनीतिक रूप से और भी गंभीर मोड़ ले सकता है।
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