• सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली

नई दिल्ली। भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद और देशभर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। समारोह में हाल ही में इस्तीफा देने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी नजर आए।

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राजग उम्मीदवार को 152 वोटों से जीत

राधाकृष्णन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार थे। उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया। चुनाव 9 सितंबर को हुआ था। इस बार मतदान में 98% से ज्यादा सांसदों ने भाग लिया।
चुनाव आयोग के अनुसार, राधाकृष्णन को कुल 388 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी बी. सुदर्शन रेड्डी को 236 वोट हासिल हुए।

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जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हुआ चुनाव

उपराष्ट्रपति का यह चुनाव अचानक उस समय कराया गया जब तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो साल बाकी था। उनके इस्तीफे के बाद मध्यावधि चुनाव की घोषणा की गई।

महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन का इस्तीफा स्वीकार करते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा। अब देवव्रत दोनों राज्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर बेहद लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है।

  • वे तमिलनाडु भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
  • 1998 और 1999 में वे लोकसभा सांसद चुने गए।
  • पार्टी में उनकी छवि एक कुशल रणनीतिकार और स्वच्छ छवि वाले नेता की रही है।
  • उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल रहते हुए कई संवेदनशील मुद्दों को सुलझाने का अनुभव भी रहा।

उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने कहा,
"मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनडीए के सभी सहयोगियों और उन सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। मैं संविधान की गरिमा और संसद की मर्यादा को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।"

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल और जिम्मेदारियां

भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष भी होते हैं। राधाकृष्णन अब अगले 5 वर्षों तक इस पद पर रहेंगे। उनका कार्यकाल शपथ लेने के दिन से शुरू हो गया है।
उपराष्ट्रपति का पद देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद के रूप में जाना जाता है।

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समारोह में दिखी गरिमा और अनुशासन

राष्ट्रपति भवन में हुए इस शपथ समारोह में पारंपरिक अनुशासन और गरिमा देखने को मिली।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को शपथ के बाद बधाई दी और उनके साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाया।
  • पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी नए उपराष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं।
  • इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।