सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, एनडीए उम्मीदवार ने 152 वोटों से दर्ज की जीत
नई दिल्ली।
भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को देश का 15वां उपराष्ट्रपति निर्वाचित किया गया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया।

मतदान और नतीजे
शनिवार को हुए चुनाव में कुल 788 सांसदों को मतदान का अधिकार था, जिनमें से 781 ने वोट डाला। मतदान प्रतिशत 98 फीसदी दर्ज हुआ। कुल 767 वोट डाले गए, जिनमें 752 वैध और 15 अमान्य निकले।
- राधाकृष्णन को 452 वोट मिले।
- सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए।
परिणामों की घोषणा शाम को मतगणना पूरी होने के बाद की गई। इस तरह राधाकृष्णन ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत दर्ज की।
विपक्ष का दावा और असहमतियां
कांग्रेस ने दावा किया था कि INDIA गठबंधन के 315 सांसद रेड्डी के पक्ष में मतदान करेंगे, लेकिन नतीजों में उन्हें सिर्फ 300 वोट मिले। यानी 15 सांसदों ने वोट नहीं डाला या क्रॉस वोटिंग की।
उधर, बीआरएस और बीजेडी ने मतदान से किनारा किया। राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के अकेले सांसद ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए वोट डालने से इनकार कर दिया।
पीएम मोदी ने किया सबसे पहले मतदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदान करने वाले पहले सांसद रहे। उन्होंने संसद भवन स्थित कक्ष संख्या 101 में अपना वोट डाला। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री किरण रीजीजू, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह और एल. मुरुगन भी मौजूद थे।
प्रारंभिक चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, राम गोपाल यादव, जयराम रमेश समेत कई बड़े नेताओं ने वोट डाला। 92 वर्षीय देवेगौड़ा व्हीलचेयर पर मतदान केंद्र पहुंचे।
मतदान में नितिन गडकरी और मल्लिकार्जुन खरगे को हाथों में हाथ डाले वोट डालते देखा गया। अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी वाद्रा, शरद पवार, असदुद्दीन ओवैसी और अन्य नेताओं ने भी मतदान किया। यहां तक कि जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद को भी वोट डालने की अनुमति मिली।
उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि
इस बार चुनाव में दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से थे।
- सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं और गौंडर (ओबीसी) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले नेता हैं। उन्हें 2023 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और जुलाई 2024 में महाराष्ट्र स्थानांतरित किया गया।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने 1998 में की जब वह कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 1999 में दोबारा इसी सीट से जीत हासिल की। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने राजनीतिक विवादों पर सार्वजनिक टिप्पणी से परहेज किया, जिससे उन्हें संयमित और संतुलित व्यक्तित्व माना जाता है। - विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना से आते हैं। चुनाव में हार के बाद उन्होंने राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं और कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा के तहत वह नए उपराष्ट्रपति के साथ सहयोग करेंगे।
क्यों हुआ चुनाव?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उनके इस्तीफे के कारण यह उपचुनाव कराना पड़ा।
सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद पर चुना जाना न केवल एनडीए के लिए राजनीतिक जीत है, बल्कि दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीतिक पकड़ को और मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि वह राज्यसभा के सभापति और देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर कितनी मजबूती और संतुलन के साथ अपनी भूमिका निभाते हैं।
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